नागपुर: नागपुर महानगरपालिका के प्रभाग क्रमांक ३५ के भाजपा के नगरसेवक के दुःखद निधन के बाद उपचुनाव होने जा रहा है. मनपा, राज्य व केंद्र में एक ही पक्ष की सत्ता है इसलिए सत्ताधारी पक्ष इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न मान रहे हैं. इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताक़त लगाने में जुटे हुए हैं. क्योंकि इस चुनाव में अगर हार का मुंह देखना पड़ा तो विपक्ष मुख्यमंत्री की खिंचाई करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देगा.
सत्ताधारी पक्ष के अनुसार एक ओर मुख्यमंत्री का चुनाव क्षेत्र अंतर्गत उपचुनाव होने जा रहा है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व आधा दर्जन विभाग के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चुनाव प्रचार का हिस्सा बनने से मना कर दिया है. उक्त दोनों के प्रतिष्ठा का सवाल होने के कारण उनकी ओर से राज्य के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मोर्चा संभाला है. मतदान के पूर्व तक इनके लगभग दर्जन भर सभाएं/बैठकें होने वाली हैं.
भाजपा की ओर से महिलाओं के खास पर्व कोजागिरी के अवसर पर भाजपा ने पूरे प्रभाग में २५ आयोजन किए. आगे भी भाजपा करीब १२० सभाएं लेने की तैयारियों में जुटी हुई है.
उल्लेखनीय यह हैं कि प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं की उपेक्षा, शहर व मनपा में लगातार हो रही है. टेक्नोसेवी भाजपा युवा नेता अविनाश ठाकरे को भाजपा के स्थानीय नेताओं की सलाह पर उक्त चुनाव का चुनाव प्रमुख बनाया गया. क्योंकि सत्ताधारी पक्ष शिष्टाचार से ओतप्रोत है, इसलिए सत्ताधारी स्थानीय नेतागण उक्त चुनाव के मद्देनज़र हाथ से हाथ जरूर मिला रहे हैं, लेकिन दिल की खटास बढ़ते जा रही है.
उल्लेखनीय यह हैं कि भाजपा के उम्मीदवार संदीप गवई भी जमीनी नेता ना होने के बाद भी एक बार नगर सेवक रह चुके हैं. इसके बाद के सभी चुनाव में उन्हें पराजय का मुख देखना पड़ा. आगामी लोकसभा-विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र गवई को उम्मीदवारी देकर उसके राजनीतिक भविष्य को पटरियों पर लाने की कोशिश की जा रही है. इस वजह से प्रभाग ३५ के भाजपा कार्यकर्ता, समर्थक काफी हतोत्साहित हो गए हैं. इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए भाजपा हर मुमकिन प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी उम्मीदवार को स्थानीय होने के कारण फ़िलहाल जनसमर्थन मिल रहा है. संभावना जताई जा रही है कि ३५% के आसपास मतदान होगा. माना जा रहा है कि जो जोगी नगर के आसपास के इलाकों में बढ़त लेगा उसके जीत का मार्ग प्रसस्त हो सकता है.
