जनसेवा के बहाने धनसेवा करने वाले नेताओं कोे जनता जरूर सबक सिखाएगी
गोंदिया। क्षेत्र के लोगों की नुमाईदंगी(जनसेवा) करने का बीड़ा उठाने वाले जिस तरीके से लोकलुभावन वादे कर जनता का विष्वास पाकर सत्तासीन हो जाते है वही लोग सत्तासुख प्राप्त करने के बाद जनता के साथ क्या-क्या करते है और खुद के लिए क्या करते है इसकी परीभाशा अब जनता को अच्छे तरीके से समझ आ चुकी है. सोने का चम्मच लेकर पैदा होने वाले लोग सिर्फ सोने को डबल करने का हूनर जानते है. राजनीति इनके लिए जनसेवा नहीं है अपितू ये तो उन गांधीवादी चोलों में खड़े धन्नासेठों का व्यापार बन चुकी है और जनता इनके हाथ का खिलौना.
आज जनता को इन रसूखदार नेताओं ने अपनी राजनीति के वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए जनता की मर्यादा को तय कर दिया है. आज हमें गरीब, मध्यम और उच्च रेखा के मानकों में गिना जाता है. हमारी पहचान एपीएल, बीपीएल, मध्यम राशन कार्डो से हो रही है, 20 रूपये कमाने वालों को गरीब नहीं माना जाता, 10 रूपए में भरपेट भोजन मिलने की बाद कही जाती हैं और हमारी इंसानियत का मजाक उड़ाया जाता हैै.
अशोक (गप्पू) गुप्ता ने अपने जनसंपर्क के दौरान लोगों से चर्चा में कहा कि, रूपयों के बल पर वोटों की राजनीति करने वाले धन्नासेठों को सबक सिखाने का वक्त आ गया है क्योंकि अब हमारा मतदाता भाई जागरूक हो गया हैै. उन्होंने कहा कि विदर्भ में सबसे अधिक धान उत्पादक क्षेत्र हमारा गोंदिया विधानसभा क्षेत्र है जो करोड़ों लोगों की भूख मिटाता. परंतु करोड़ों लोगों की भूख मिटाने वाला इस क्षेत्र का खेतीहार किसान खुद की भूख मिटाने के लिए बेबस है. ये हालत पिछले 10 सालों में कांग्रेस के राज में उभरकर सामने आयी है. किसान आत्महत्या सिर्फ माली हालातों से हो रही है, किसानों के पास खेती के सिवाय कोई दूसरा पर्याय नही है. सरकार धान खरीदी करने में विलंब करती है, जिससे किसान द्वारा कर्ज से उगाया हुआ सारा धान व्यापारीयों को औने-पौने दामों में चला जाता है. जितनी लागत है उतना भाव नही मिलने पर किसानों को खेत जमीनें बेच-बेचकर अपना गुजारा करना पड़ रहा है.
गुप्ता ने कहा कि, ये परिस्थिती इतनी गंभीर और चिंताजनक है फिर भी इस क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक कहते है हमारे क्षेत्र का विकास हो रहा है, जनता को लाभ हो रहा है. ऐसे झूठे नेताओें ने क्षेत्र की लूटिया डूबों दी फिर भी चिल्ला चिल्लाकर कर विकास कार्य बताने से अघाते नही है. कभी इन सत्तालोलुप नेताओं ने जनहित में अपनी सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई, कभी इन नेताओं ने यहां के किसानों का दुखदर्द सरकार के कानों तक पहुंचाने का कार्य नहीं किया. ऐसे नेताओं की चालबाजी से अब जनता ने सर्तक हो जाना चाहिए.
आज मैं निस्वार्थ रूप से जनहित के लिए पिछले 20 सालों से जन-जन के लिए आगे आकर उनकी आवाज को उठाता आ रहा हूं. मेरे जनआंदोलन, मोर्चे, धरने, किसानों के प्रति यलगार को यहां के लोग बखूबी जानते है. गांव-गांव से मेरा पुराना नाता है, इस क्षेत्र का हर युवा मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हुआ है. गुप्ता ने कहा कि आज हमें अपनी ताकत दिखाने का वक्त आ गया है. क्षेत्र में विकास के नाम पर फैली अराजकता को खत्म करने, व्यवस्था परीवर्तन और न्याय की आवाज को बूलंद करने के लिए मुझे और कंधों और बाजुओं की आवश्यकता है, विश्वास है कि जनता का सहयोग और आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा एक नई सोच और नये बदलाव के लिए.
