आज स्थाई समिति की बैठक में लगेगी मुहर
नागपुर: एक तरफ मुंबई महानगरपालिका आयुक्त ने प्रकल्प सलाहकार की नियुक्ति पर रोक लगा दी है,वही दूसरी ओर नागपुर महानगरपालिका प्रशासन परियोजना के लिए प्रकल्प प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) की नियुक्ति की भी तैयारी है.राज्य के दोनों महानगरपालिका में एक सा कानून होने के बावजूद दोनों के आयुक्त की अलग-अलग आदेश या कार्यप्रणाली से किसी को नुकसान और किसी विशेष को फायदा पहुँचाने का खेल जारी है.राज्य सरकार के नाक के नीचे चल रहा यह नित से करदाताओ सह प्रकल्पों की गुणव्वता का नुकसान हो रहा है.नए मानपायुक्त मेहता को मिली शिकायत के आधार पर नया अध्यादेश जारी कर उक्त कड़क निर्देश जारी किया गया है.
पिछले ५ साल के दौरान मुंबई महानगरपालिका में नियुक्त किये गए सलाहकारों पर १.७० करोड़ रूपए खर्च करने पड़े है.मनपा मनपायुक्त अजोय मेहता ने इस तरह की नियुक्ति पर रोक लगा दी है.आज १ जून २०१५ से मुंबई मनपा में सलाहकारों की नियुक्ति नहीं की जाएगी।इतना ही नहीं पहले से भी नियुत किये गए सलाहकारों की सेवा भी समाप्त करने का आदेश दिया गया है.मुंबई मनपा ने १ जनवरी २८ फरबरी २०१५ के दरम्यान ४० विशेष कार्याधिकारी और सलाहकारों पर १.७० करोड़ रूपए खर्च किये।
इधर नागपुर मनपा 300 करोड रुपए के सीमेंट-कांक्रीट रोड परियोजना के लिए प्राथमिक स्तर पर 67.43 किमी की 51 सडकों के नाम तय कर लिए गए हैं. लेकिन संबंधित मागरें का प्लेन टेबल सर्वे, ट्रॉफिक सर्वे, जियोटेक्निकल सर्वे अभी होना बाकी है. इसके अलावा परियोजना के लिए प्रकल्प प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) की नियुक्ति की भी तैयारी है. संबंधित प्रस्ताव आज एक जून को आयोजित स्थायी समिति की बैठक में पेश किया जाएगा.
सीमेंट रोड प्रोजेक्ट को समन्वित सड.क सुधार परियोजना (आईआरडीपी) 2015 नाम दिया गया है. सभी मागरें की डिजाइन तैयार कर सर्वे किया जाएगा.
प्रस्ताव ऐसा है कि निविदा प्रक्रिया के पहले जियोटेक्निकल सर्वे के लिए निविदा निकाले. इसके निविदा की अवधि 15 दिन निर्धारित की गई है. उसी प्रकार प्लेन टेबल व ट्रैफिक सर्वे की निविदा 15 दिन में निकाले. प्रकल्प प्रबंधन सलाहकार की नियुक्ति की निविदा के लिए 25 दिन निर्धारित किया गया.
पीएमसी को प्लेन टेबल सर्वे, ट्रैफिक सर्वे, संकल्प चित्र तथा प्राकलन तैयार करने के लिए निविदा पूर्व प्रक्रिया, निविदा के बाद की प्रक्रिया करनी होगी. मामला ऐसा है कि सीमेंट-कांक्रीट रोड प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विशेष रूप से उत्सुक हैं. उन्होंने ही दिसंबर में आयोजित शीतकालीन अधिवेशन में 300 करोड. रुपए का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. इसमें राज्य सरकार, मनपा और नासुप्र को 100-100 करोड रुपए की हिस्सेदारी देनी है. राज्य सरकार ने 100 करोड. रुपए का प्रावधान कर दिया है लेकिन यह राशि मनपा को अब तक प्राप्त नहीं हुई है. वहीं नासुप्र अपने हिस्से की राशि देने में आनाकानी कर रही है.अनुसार नासुप्र का कहना है कि वे खुद ही अपने हिस्से में आने वाली सडकों का निर्माण करेंगे. इस संदर्भ में नासुप्र ने पत्र भी लिखा है.