Published On : Thu, Nov 20th, 2014

उमरखेड़ : बोरिंग करने वाली मशीनें शीघ्र जप्त करें

Advertisement

 

  • नियमों को ताक पर रख जहां-तहां कर रहे हैं बोर
  • दलालों-अधिकारियों की साठगांठ का अंदेशा
  • प्रशासन शीघ्र कार्रवाई कर जनता ने की राहत देने की अपील

Boring Machine
उमरखेड़ (यवतमाल)।
भूगर्भ वैज्ञानिक विभाग से किसी प्रकार की अनुमति न लेते हुए राज्य में आ रहे हाईस्पीड बोरिंग मशीन द्वारा जमीन में 8 इंच चौड़े व 500 से 700 फीट तक खोद कर बेधड़क अनेक बोरवेल बिठाया जा रहे हैं, जिससे पास के दूसरे बोरवेल सूखते जा रहे हैं. इससे विरासती (पुराने) कुएं भी सूख जा रहे हैं. स्थानीय उपविभागीय अधिकारी और तहसीलदार अथवा महसूल अधिकारियों की अनुमति लिए बिना ही यह उपक्रम बेधड़क किए जाने से अनेक जगहों के कुएं व बोरवेल सूख गए हैं, जिससे सूखा जैसी स्थिति बन गयी है. इससे पानी के अभाव में बस्ती व ग्रामीणों में पलायन जैसी स्थिति बन रही है. ऐसे सवाल क्षेत्र के पीडि़तों द्वारा किए जा रहे हैं कि क्या प्रशासन के आला अधिकारी उक्त प्रकरण को रोकेंगे?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहर व तालुका में विविध स्थानों पर अन्य राज्य के बोरिंग मशीन मालिक प्रति फूट 10 रुपये के हिसाब से काम करते हैं परंतु स्थानीय दलाल इन मालिकों से सम्पर्क कर प्रति फुट 50 से 60 रुपये लेकर लोगों को चूना लगा रहे हैं. आम जनता को शक है कि महसूल विभाग तथा दलालों-बोरिंग मालिकों के बीच आर्थिक लेन-देन के बाद ही ऐसे बेधड़क बोरिंग कर लोगों के लिए आफतें लायी जा रही हैं. जबकि सरकारी नियमानुसार 500 फुट के अंतर पर ही नए बोरिंग या नए कुएं का निर्माण किया जाना चाहिए, किंतु ये दलाल पैसों के खातिर सभी नियमों को ताक पर रख जहां-तहां बोरिंग कर माल समेटने का काम कर रहे हैं.

Gold Rate
16 dec 2025
Gold 24 KT ₹ 1,32,000 /-
Gold 22 KT ₹ 1,22,800 /-
Silver/Kg ₹ 1,91,300/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

मांग की जा रही है कि शहर के हर चौकों पर अन्य राज्यों से लायी जा रही ये बोरिंग मशीनों पर महसूल विभाग नजर रखते हुए किन स्थानों पर कितने बोरिंग किए जाने के लिए मशीन का इस्तेमाल किया जाने वाला है, पता लगाए, ताकि बोरिंग से पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भूमि के क्षरण को रोका जा सके साथ ही उसकी सुरक्षा भी. सन् 1972 के बाद से अब पीने के पानी की सर्वत्र कमी देखी जा रही है. फिर भी सरकारी तंत्र इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाना अत्यंत विचारणीय है. क्षेत्र की जनता इस दिशा में आला अधिकारियों व विभागों से इसकी टोह लेकर शीघ्र ऐसे तमाम लोग जो पर्यावरण के साथ खिलवाड़ व नियम-कानूनों ताक पर रख अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई करे ताकि किसानों के साथ-साथ आम नागरिकों को सूखा जैसी स्थिति से बचाया जा सके.

GET YOUR OWN WEBSITE
FOR ₹9,999
Domain & Hosting FREE for 1 Year
No Hidden Charges
Advertisement
Advertisement