Published On : Thu, Nov 20th, 2014

उमरखेड़ : पर्यावरण के लिए लगाए वृक्षों को बेचा औने-पौने दाम में!

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  • लाखों की अफरातफरी करने वाले कार्यकारी अभियंता की जाँच हो : जनता

Tree  Seeling
उमरखेड़ (यवतमाल)।
अपर पैनगंगा प्रकल्प के इसापुर में लगाए गए वृक्षों को खुलेआम काटकर सरकार को करोड़ों रुपयों का चूना नांदेड़ के कार्यकारी अभियंता द्वारा लगाये जाने की बात सामने आ रही है.

समझा जाता है कि पर्यावरण संरक्षण व जनता को स्वच्छ हवा, वातावरण दिए जाने के मद्देनजर सरकार करोड़ों रुपयों की लागत से वृक्षोरोपण कर सुंदर वातावरण तैयार की, वहीं कार्यकारी अभियंता जैसे लोग मिट्टी पलीत कर माल सूतने का काम कर रहे हैं. बांध के पास तालाब के पास बड़े-बड़े वृक्षों में नीबू, नीलगिरी, बबूल, सुबामूल जैसे प्रजाति के पेड़ कई महीने पूर्व लगाये गए थे, जिसकी नीलामी सस्ते दरों पर कर लकड़ी कॉन्ट्रैक्टर के साथ मिलीभगत कर लाखों रुपए समेट लिये. वहीं वृक्षों की निविदा के लिए मूल्यांकन करने वाले हिंगोली के विभागीय वनपरिक्षेत्राधिकारी भी इस गोलमाल में शामिल थे. इस संबंध में प्रकृत प्रेमी व सामाजिक कार्यकर्ता शे. निसार, सतीश कोल्हे ने सूचना अधिकार के अंतर्गत जानकारी लेने पर बड़ी बातें सामने आयी. एक-एक वृक्ष का मूल्यांकन विभाग ने 100 रुपये से 150 रुपये में कर दिए. जिसकी कीमत बाजार में 200 से 250 रु है. सवाल उठता है कि इतने बड़े वृक्षों की कीमत इतने कम दर में कैसे कर दिए गए? 10-10 टायरों वाले ट्रकों द्वारा सैकड़ों ट्रक माल बाहर भेज दिया गया. जिससे समझ आता है कि सरकार की आंखों में कैसे धूल झोंक कर लाखों की अफरातफरी की गयी है. वहीं ये सारे ट्रक बांध के पुल के ऊपर से ले जाये गए, इससे पुल को भी क्षति पहुंची होगी. वहीं इस मामले को विधानसभा के शीतसत्र में उठाने के साथ ही जिलाधिकारी के मार्फत इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग क्षेत्रीय जनता कर रही है, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.

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