चंद्रपुर। जिले में पेट्रोल पंप पर कार्यरत कामगार 1948 से न्यूनतम वेतन से वंचित थे. इस संदर्भ में विदर्भ प्रहार कामगार संगठन ने सन 2012 में तत्कालीन न्यूनतम वेतन सलाहगार समिति के पास इन कामगारों की सुरक्षा के लिए पेट्रोल पंप उद्योगों को न्यूनतम वेतन के अनुसूचित उद्योगों के सूची में समाविष्ट कर उनके वेतन का दर सरकार द्वारा निश्चित करने के लिए निवेदन दिया था. इसके लिए विदर्भ प्रहार कामगार संगठन हमेशा ही प्रयासरत रहा.
वेतन में वृद्धि के लिए कंपनी के मालिकों के साथ 2 से 3 बैठक भी ली गई थी. जिसमे समिति ने कंपनी को कामगारों के वेतन समस्या से अवगत कराया. इसके लिए कंपनी ने भी कामगारों के वेतन वृद्धि के करने करारनामे पर हस्ताक्षर किया. करार के अनुसार कामगारों को ई.एस.आई.सी. तथा पी.एफ जैसे सुविधा प्रदान करने का मंजूर किया गया. साथ ही डी.एस.एम. कामगारोंके वेतन में4 हजार रु. की वृद्धि की गई. विदर्भ प्रहार कामगार संगठन के इस प्रयासोंसे कामगारोंको उचित न्याय मिला है.