Published On : Mon, Jan 9th, 2017

पेट्रोल पंपों ने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकार न करने का फैसला 13 जनवरी तक के लिए टाला

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petrol-dieselपूरे देश के पेट्रोल पंप परिचालकों ने सभी बैंकों के डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान स्वीकार नहीं करने के फैसले को 13 जनवरी तक के लिए टाल दिया है. दरअसल पेट्रोल पंप परिचालक कार्ड के जरिये भुगतान पर एक प्रतिशत शुल्क और उस पर कर लगाने के बैंकों के निर्णय का विरोध कर रहे हैं.

नकदीरहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए ईंधन की खरीद पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) खत्म कर दिया था लेकिन 50 दिन की छूट की अवधि समाप्त होने के बाद बैंकों ने पेट्रोल पंप मालिकों पर एमडीआर लगाने का निर्णय किया है.

एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया कि यह फैसला फिलहाल 13 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है.

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इससे पहले, ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर कहा था कि “एचडीएफसी और अन्य बैंक” अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं. इस शुल्क को ग्राहकों से वसूलने जैसी इसमें कोई बात नहीं है. लिहाजा डीलरों को वित्तीय नुकसान झेलना होगा.”

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पेट्रोल पंपों को बैंकों से सूचना मिली थी कि नौ जनवरी 2017 से सभी क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी और सभी डेबिट कार्ड से किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर 0.25 से 1 फीसदी तक का शुल्क वसूल जाएगा.
आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा था कि बैंकों ने इस संबंध में 16 दिसंबर को आरबीआई द्वारा जारी किए गए एक सर्कुलर का हवाला दिया है जिसमें अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात कही गई है.

पत्र में बैंकों के साथ कार्ड ट्रांजेक्शन के मसले पर होने वाले अन्य विवादों पर भी जोर दिया गया था. पत्र में शिकायत की गई है कि बैंक पेट्रोल पंपों का जमा पैसा भुगतान करने में भी विलम्ब कर रहे हैं और हमें नुकसान हो रहा है.

गौरतलब है कि 8 नवंबर को मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद से पेट्रोल पंपों पर कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ गया है. सरकार नकद रहित भुगतान को बढ़ावा दे रही है. यहां तक कि उस दौरान सरकार ने बैकों को क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन पर 2% का शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया था.