नागपुर: महाराष्ट्र की लोक-लेखा समिति ने ब्रांडेड वस्तुओं की खरीदी पर भी पैन कार्ड अनिवार्य करने के साथ ही राज्य स्तर पर ऑनलाइन बिलिंग व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की है। लोक-लेखा समिति ने विधानसभा में वर्ष 2015-16 के लिए अपनी 15वीं रिपोर्ट पेश की,जिसमें उपरोक्त सिफारिशें की गई है,समिति के अध्यक्ष कांग्रेस के विधायक गोपालदास अग्रवाल है।
समिति की यह भी सिफारिश है कि ब्रांडेड वस्तुओं की खरीदी करने वाले नागरिकों का पैन कार्ड अथवा कोई अन्य पहचानपत्र लेने के लिए कानून में संसोधन भी तीन माह में किया जाना चाहिए।
समिति ने राज्य में व्यापारियों की ओर से कंप्यूटरीकृत बिलिंग पद्धति न अपनाएं जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार को सिफारिश की है कि वह खरीदी-बिक्री पर निगाह रखने के लिए ऑनलाइन बिलिंग व्यवस्था तैयार करें। इस बारे में जनजागृति करने की सिफारिश करते हुए समिति ने सुझाया कि कंप्यूटरीकृत बिल न देने वाली दुकानदारों की शिकायत करने के लिए राज्य सरकार को एक कॉल सेंटर की स्थापना करनी चाहिए।कॉल सेंटर पर आने वाली शिकायतों का निवारण करने के लिए वित्त विभाग को एक विशेष जाँच दल का गठन करना चाहिए।
समिति ने वित्त विभाग के विभिन्न मसलों का अध्ययन करने के बाद सिफारिश में कहा है कि राज्य में ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार हो रहा है। लेकिन बाहरी राज्यो में ऑनलाइन मार्ग से माल सीधे ग्राहकों तक पहुँचाया जाता है। जिसकी वजह से राज्य सरकार को यहाँ लागु कर हासिल नहीं हो पाता है। गुजरात,उत्तर प्रदेश और केरल जैसे राज्यो ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर प्रवेश कर लागु किया है। अतः राज्य सरकार को भी इन पद्धतियों का अध्ययन करना चाहिए। इसके साथ ही अगर ऑनलाइन बिल में कर अदा किये जाने की जानकारी नहीं दी गई है तो उसे महाराष्ट्र से ही महाराष्ट्र में भेजा जाने वाला माल मानते हुए कर वसूल करना चाहिए। इसी प्रकार समिति की सिफारिश है कि राज्य की सीमा पर बने ऑनलाइन कंपनियों के गोदामो पर विशेष नज़र रखी जाए,ताकि यहाँ से माल के आवागमन पर विशेष नज़र रखी जा सके।