Published On : Wed, Nov 28th, 2018

ओवरलोड ट्रकों व अवैध सवारी परिवहन को तुरंत बंद करने की शिवसेना की चेतावनी

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ओवरलोड ट्रकों व अवैध सवारी परिवहन को तुरंत बंद करने की शिवसेना की चेतावनी

नागपुर : अवैध ओवरलोडिंग वाहनों की तुरंत रोकथाम की मांग आरटीओ से करते हुए शिवसेना की ओर से जमकर हंगामा मचाया गया. प्रदर्शन कामठी मार्ग स्थित ग्रामीण आरटीओ कार्यालय के सामने किया गया जिस दौरान शिवसेना ने आरोप लगाया कि आरटीओ के रोकटोक के अभाव में अवैध परिवहन जमकर फलफूल रहा है. इस पर रोक लगाने की मांग ग्रामीण आरटीओ से ज्ञापन देकर की गई. इस अवसर पर प्रमुखता से जिलाप्रमुख प्रकाश जाधव, संजय काशी, कौशिक येलने, शुभम वरुड़कर, योगेश न्यायाखोर, राम कुकड़े, गणेश सोलंकी, सोनू शुक्ला, धीरज फंदी, भोला वर्मा, हितेश यादव, प्रीतम कापसे, अब्बास अली आदि उपस्थित थे.

आंदोलन के नेता नितिन तिवारी ने आरोप लगाया कि ग्रामीण आरटीओ के अंतर्गत खुलेआम ओवरलोड ट्रकों और अवैध सवारी बसों का संचलन हो रहा है. जिनसे आरटीओ के साथ फ्लाइंग स्क्वार्ड व निरीक्षकों द्वारा शत-प्रतिशत वसूली जारी है. अमूमन दोनों मामले के प्रत्येक वाहन से प्रति माह १० हज़ार रुपए वसूला जा रहा है. वसूली माध्यम की जिम्मेदारी वाहन संचालकों और आरटीओ सह सम्बंधित अधिकारी के बीच चुनिंदा दलाल सक्रिय हैं. उक्त करतूत कोई नया नहीं बल्कि पुराना है और खुलेआम हो रहा है. नतीजा सड़क दुर्घटनाओं का प्रमाण बढ़ते जा रहा हैं. बेकसूर आवाजाही करने वाले जान जोखिम में डाल सफर कर रहे हैं. साथ ही जनता के कर से बनी सड़कें समय से पहले ख़राब हो रहे हैं.

तिवारी ने संगीन आरोप लगाया कि आरटीओ ग्रामीण करोड़ों के राजस्व को डुबो रहा है. नवंबर माह में १५२३ वाहनों से १,५२,३०,००० रुपए की अवैध वसूली ग्रामीण आरटीओ ने की. चंद्रपुर में ग्रामीण आरटीओ के प्रमुख दलाल सलीम और मोरेश्वर हैं, जो अधिकृत तौर पर आरटीओ ग्रामीण की वसूली संभाल रहे हैं. मोरेश्वर फ्लाइंग स्क्वार्ड के साथ ही रहता हैं. भंडारा में मोटर वाहन निरीक्षक मोहन बोडे के साथ मुन्ना दलाल वसूली का मोर्चा संभाला है. गडचिरोली में राकेश डोंगरे दलाली-वसूली संभाले हुए है. उक्त सभी दलाल सह ग्रामीण आरटीओ,सह आरटीओ,फ्लाइंग स्क्वार्ड के सदस्य,निरीक्षकों और आरटीओ के सभी वाहन चालकों के मोबाइल क्रमांक की सूक्षम जाँच स्वतंत्र जाँच एजेंसी से कार्रवाई जाए.

उल्लेखनीय यह है कि ग्रामीण आरटीओ के कुछ घाघ व दिग्गज अधिकारियों ने अपनी काली कमाई को सफ़ेद करने के लिए ग्रामीण आरटीओ के तहत पंजीकृत निजी बस संचालकों के साथ पार्टनरशीप तक कर बस संचालन के व्यवसाय में लीन हैं.