Published On : Wed, Aug 25th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

प्रफुल्ल फांउडेशन नागपुर की ओर से मुशायरे और कवि सम्मेलन का आयोजन

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खिलते हुये गुलाब किताबों में रख दिये
हमने सभी जबाब किताबों में रख दिये
वो आयेंगें तो ये कहेंगे वो कहेंगें हम
दिल के सभी हिसाब किताबों में रख दिये

रात दिन ख़र्च हो रहा हूँ मैं
अब ज़ियादा नहीं बचा हूँ मैं


ऐसे ख़ूबसूरत शेर कहने वाले युवा मेहमान शायर की शान में एक महफ़िल सजायी लिखने पढ़ने वालों के लिए और एक शाम सुनने सुनाने के सुकून में गुज़र गयी .अवसर था प्रफुल्ल फांउडेशन नागपुर की ओर से अध्यक्ष मधु गुप्ता जी के संयोजन में मुशायरे और कवि सम्मेलन के आयोजन का जो विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उत्कर्ष सभागृह में किया गया .ग्वालियर के युवा शायर डाॅ सतीश सत्यार्थ के सम्मान में आयोजित इस मुशायरे के अध्यक्ष ज़फ़र कलीम साहब तथा मुख्य अतिथि मोहसिन ज़फर खान साहब थे . विशिष्ट अतिथि के रूप में वर्षा चंदेल जी उपस्थित थीं .

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युवा शायर कुणाल दानिश के बेहतरीन संचालन ने इस ख़ूबसूरत महफ़िल में चार चाँद लगा दिये

इक उसे छोड़ के जीने का सहारा क्या था
सब उसी का था मुहब्बत में हमारा क्या था

.मेहमान शायर सतीश सत्यार्थी ने अपने शेरों से रंग जमा दिया . अध्यक्ष ज़फर कलीम साहब ने सबको दुआओं से नवाज़ते हुए बेहतरीन शेर कहे .

दिल में य़ादों के दिये पलकों पे अश्कों के चराग
रोशनी कितने चरागों की तिरी महफ़िल में है

मुख्य अतिथि मोहसिन ज़फर खान ने उम्दा शेर कहे और पनी खूबसुरत आवाज मेँ खूबसुरत गज़ल सुनाकर महफ़िल में रंग जमा दिया

मधु गुप्ता का अन्दाजे वयाँ कुछ ऐसा रहा ..

यहाँ पर कोई भी अपना नहीं है
तो मेरी जान को खतरा नहीं है

इंदिरा किसलय ने व्यवस्था पर बात की .वहीद हैरां ने तरन्नुम में रंग जमाया …

अर्चना अर्चन ने मुहब्बत पर शेर कहे

खुदा नाराज हो फिर भी इबादत कम नहीं होती
दुआ पूरी न होने से अकीदत कम नहीं होती….

.रीमा चड्ढा ने हरियाली और मौसम पर कविताएँ सुनायीं .कुणाल दानिश ने ख़ूबसूरत शेर कहे.
शहादत की बात की पूनम तिवारी ने ,निर्मला पाण्डे ने अपनी कविता सुनाई .वसुंधरा राय ने मुक्तक पेश किये.शायर अनवर ,

अजहर हुसैन ,का अन्दाज कुछ ऐसा रहा
कहाँ का मैं मोहतरम हूं साहब कहाँ का आली जनाब हूँ मैं
ख़राब से भी ख़राब से भी ख़राब से भी ख़राब हूँ मैं

उमर अली अनवर साहब ने तरननुम मेँ पढकर मंच की वाही वाही लूटी,रेहान नासिर का अपना एक अलग अन्दाजे वयाँ रहा और अंकित मौर्या ने उम्दा शेर कहे. विदुषी इंदिरा किसलय ने आभार प्रदर्शन किया.इस शानदार आयोजन में कृष्ण नागपाल ,रंजना श्रीवास्तव ,शिल्पी पांडेय और अन्य साहित्य प्रेमी उपस्थित थे.

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