नागपुर: नागपुर महानगर पालिका प्रशासन को उसके ही अधिकारी कलंकित कर रहे हैं। मनपा की ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में ‘मनमाफिक’ हेराफेरी कर अपने चहेते ठेकेदारों को ठेका देने के मामले में वहीं सेवारत कार्यकारी अभियंता और उनके सहयोगियों के नाम उभरकर सामने आ रहे हैं। इन अधिकारियों के नाम डीडी, बोरकर, भोतकर आदि बताए जा रहे हैं।
विगत वर्ष दिसम्बर माह में मनपा के एस्टेट अधिकारी भूते ने स्थायी समिति अध्यक्ष के कहने पर मेसर्स दत्रात्रेय एडवरटाइजिंग एजेंसी को एकमुश्त ग्यारह साल तक ठेका देने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा था। क्योंकि यह प्रस्ताव स्थायी समिति के अध्यक्ष के कहने पर बनाया गया था, इसलिए आनन-फानन में उन्होंने इसे आम सभा में मंजूरी दिलाने का प्रयास किया, लेकिन प्रस्ताव की मंजूरी के पहले ही यह मामला सार्वजानिक हो गया, जिसके चलते प्रस्ताव तो वापस गया, पर जिन अधिकारियों ने इस भ्रष्ट प्रस्ताव को सार्वजानिक किया था, उनका तबादला दूसरे विभागों में कर दिया गया।
दूसरी घटना मनपा ठेकेदार संगठन के आड़ में चल रहे बंदरबांट की है। बताया जाता है कि पिछले पांच साल से विजय नायडू नामक ठेकेदार अपने सहयोगी ठेकेदारों की मदद से मनपा में आवंटित हर ठेके से हफ्ता वसूली में लगा हुआ था। इस वसूली का एक हिस्सा मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों को देकर ठेकेदार नायडू उन पर मनचाहा दबाव बनाता और उसे हफ्ता न देने वाले ठेकेदार के बिल रुकवा देता। इ-निविदा की प्रक्रिया तक नायडू ठेकेदार का यह खेल संगठन के जरिए चलता रहा। इधर इ-टेंडरिंग पर हो खर्च से हलाकान मनपा को उबारने के उद्देश्य से महापौर ने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरु की।
ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के चलते मनपा ठेकेदार संगठन के नायडू और रिश्वतखोर मनपा अधिकारियों के पेट में दर्द होने लगा। फिर इससे निपटने के लिए कार्यकारी अभियंताओं ने नया तरीका ढूंढ लिया और जिसे ठेके ऑनलाइन मिले, वह यदि रिश्वत खिलाने को तैयार नहीं हुआ तो उसे ‘मैन्युअली अड़ाने’ का सिलसिला शुरु कर दिया। यह कृत्य दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। मनपा के पदाधिकारियों द्वारा लगाम लगाने के निर्देश दिए जाने के बावजूद मनपा प्रशासन की चुप्पी कार्यकारी अभियंताओं को प्रोत्साहित कर रही है। कार्यकारी अभियंता भूतकर के खिलाफ एक ठेकेदार ने बिगुल फूंक दिया है। तो दूसरी ओर जल्द ही अखिल भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के प्रदेश सचिव लालसिंह ठाकुर नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात कर कार्यकारी अभियंता डीडी और बोरकर के कृत्यों के कारनामों की जानकारी देंगे।
लालसिंह ठाकुर ने भी मनपा के ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी करने के दो मामले के दस्तावेज नागपुर टुडे को सौंपे हैं। ये मामले हैं –
प्रभाग ७ अन्तर्गत कामगार कॉलोनी,गजानन कॉलोनी,नेल्को सोसाइटी में ५१४७०९३ रूपए की निधि से विविध जगहों पर सीवर लाइन बिछाने का ठेका
कुल ठेकेदार – ७
तकनिकी मान्यता प्राप्त ठेकेदार – ७
आर्थिक दृष्टि से मान्यता प्राप्त ठेकेदार – ७
प्रथम न्यूनतम – दीप कंस्ट्रक्शन (९.७७ % कम)
लेकिन ठेका दिया गया – मेसर्स सी. विजय नायडू
वजह- प्रथम न्यूनतम ठेकेदार दीप कंस्ट्रक्शन को वर्कऑर्डर न देते हुए दूसरे न्यूनतम ठेकेदार सी. विजय नायडू को वर्कऑर्डर दिया गया.
प्रभाग ५ ब अन्तर्गत बुद्ध नगर में १९९९९७९ रूपए सीवर लाइन व सिद्धार्थ नगर में स्टॉर्म ड्रेन लाइन बिछाने का ठेका
कुल ठेकेदार -५
तकनिकी मान्यता प्राप्त ठेकेदार – ५
आर्थिक दृष्टि से मान्यता प्राप्त ठेकेदार – ४
प्रथम न्यूनतम – सईद नाज़िम अली (१५ % कम)
लेकिन ठेका दिया गया – मेसर्स हितेश कंस्ट्रक्शन (१% कम)
प्रशासन को नुकसान- २७९९९६ रूपए
वजह- प्रथम न्यूनतम ठेकेदार सईद नाज़िम अली का ठेका रद्द करने का कारण यह दर्शाया गया कि उसने वक़्त पर डी.डी. व परफॉर्मेन्स सिक्योरिटी नहीं जमा की इसलिए मेसर्स हितेश कंस्ट्रक्शन को वर्कऑर्डर दिया।