
सवानी ने कहा कि ‘मैंने बीजेपी द्वारा नरेंद्र पटेल को एक करोड़ रुपये के ऑफर की बात सुनी, मैं दुखी हूं। बीजेपी छोड़ रहा हूं।”
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी के साथ जाना उनका एक गलत फैसला था। हालांकि, निखिल ने यह कहा है कि उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए कोई ऑफर नहीं दिया गया। निखिल ने यह भी कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी कोई कदम नहीं उठाना चाहती।
निखिल के अलग हो जाने के बाद निखिल आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे पाटीदार समुदाय के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल के करीब आ गए हैं। वहीं निखिल ने यह भी कहा कि वे कांग्रेस उपाध्यक्ष से मिलने के लिए वक्त मांगेंगे। बता दें कि निखिल आरक्षण आंदोलन समिति के सूरत के संयोजक थे।








