Published On : Mon, Sep 25th, 2017

भारत में नहीं हुआ एक भी आविष्कार – दिलीप मंडल

Advertisement


नागपुर: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विद्यार्थी संगठन की ओर से शनिवार को नागपुर यूनिवर्सिटी के गुरुनानक सभागृह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार और दिल्ली इंडिया टुडे के संपादक दिलीप मंडल, ज्येष्ठ आंबेडकरी विचारक देवीदास घोडेस्वार, साथ ही संघठन अध्यक्ष समीर महाजन मौजूद थे. इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मंडल ने कहा कि भारत में अविष्कार के नाम पर केवल इतने वर्षों में जीरो ही है जिसका उदहारण दिया जा सकता है. लेकिन इस पर भी बहस होती है कि जीरो भारत ने ही दिया है या नहीं. उन्होंने कहा कि इस समय भारत में शिक्षा के क्षेत्र में ठहराव की स्थिति है. देश की ज्यादातर यूनिवर्सिटी में स्थायी पद कम किए जा रहे हैं. सरकार का शिक्षा पर खर्च घट रहा है. पीएचडी करनेवाले विद्यार्थियों की भी संख्या सरकार की ओर से कम की जा रही है. देश में पढ़े लिखे युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार काम नहीं मिल रहा है.

उन्होंने बताया कि जेएनयू में पहले 900 से ज्यादा लोग पीएचडी किया करते थे. लेकिन अब केवल 102 लोगों को ही मान्यता दी गई है. उन्होंने बताया कि स्किल डेवलपमेंट सरकार ने इसलिए शुरू किया है ताकि कुशल कामगार तैयार हो सकें और एससी, एसटी और ओबीसी समाज के विद्यार्थी शिक्षा से दूर हो सकें. स्किल डेवलपमेंट का मकसद ही यह है. उन्होंने बताया कि नेट की परीक्षा के लिए पहले 30 हजार लोग आवेदन करते थे. लेकिन अब सरकार ने उस पर भी पाबंदी लगा दी है. अब केवल साल भर में एक ही बार नेट की परीक्षा होगी. जिसके लिए कुल 8 हजार के करीब ही विद्यार्थियों इसमें शामिल हो पाएंगे. यह इसलिए किया जा रहा है ताकि एक तबका शिक्षा से वंचित रह सके.

मंडल ने बताया कि आरक्षण को लेकर बहुजन विद्यार्थियों को बचपन से ही कटुता का अनुभव आता है. जिसके कारण उसका विकास रुक जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले समाज के एक तबके को दूसरे तबके ने शिक्षा से वंचित किया था. जिसके कारण देश में आविष्कार की कमी रह गई और ज्ञान का आदान प्रदान नहीं हो सका. अमेरिका में अफ्रिकन कालों पर अत्याचार होने पर गोरे अमेरिकन आंदोलन करते हैं. लेकिन भारत में दलितों पर अत्याचार के बाद केवल दलित ही विरोध प्रदर्शन करते हैं, दूसरे इनका साथ नहीं देते.

Gold Rate
02 June 2025
Gold 24 KT 96,000/-
Gold 22 KT 89,300/-
Silver/Kg 98,200/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इस दौरान घोडेस्वार ने कहा कि बहुजन विद्यार्थियों को व्यापक होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार की यह नीति है की एक जाति को शिक्षा से वंचित रखा जाए, स्किल डेवेलपमेंट के जरिए सरकार यह चाहती है कि आप कुशल श्रमिक बनें, ताकि आपका ध्यान उच्च शिक्षा की ओर न जाए. उन्होंने बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने कहा था कि शिक्षा सभी का अधिकार है. वह भीख नहीं है. क्योंकि समाज का हर एक नागरिक सरकार को टैक्स अदा करता है.

संगठन अध्यक्ष समीर महाजन ने इस दौरान कहा कि 37 साल पहले इस संगठन की शुरुआत हुई थी. पिछले कई वर्षों से संगठन की ओर से विद्यार्थियों की समस्या सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. विद्यार्थियों की समस्या के लिए ही कई आंदोलन भी किए गए.

इस दौरान सभागृह में बड़ी संख्या में विद्यार्थी पहुंचे थे. कार्यक्रम के दौरान घपेश ढवले, आशीष तीतरे, मंगेश भैसारे, डॉ.प्रतीक बनकर, अमरदीप रामटेके, आशीष नागदेवते प्रमुखता से मौजूद थे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement