न.प. को नही मिल रहा संगम तालाब के सौंदर्यीकरण का मुहूर्त
बुलढाणा। स्थानिय नगर पालिका का बिघडा हुआ नियोजन और लापरवाही की वजह से शहर के तार तालाब और लेंडी तालाब कब के नेस्तनाबुत हो गए है. तो अब अंग्रेजों के जमाने मे शहर को जलपूर्ति करनेवाला संगम तालाब को जलपर्णी वनस्पतीयो ने अपनी जपेट मे लिया है. दिन ब दिन इस तालाब मे जलपर्णी के बडी-बडी परत तैयार हो रही है. इस जलपर्णी को खत्म नही किया गया तो, यह तालाब सिर्फ नाम का ही रहेगा. खास बात ये है कि, इस तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए सरकारने 25 लाख की निधि मंजूर की थी. लेकीन दो माह पूर्व से निधि मंजूर होने के बावजूद भी आज तक नगर पालीका प्रशासन को संगम तालाब के सौंदर्यीकरण का मुहूर्त नही मिल पा रहा है. इस वजह से नागरिकों मे नाराजगी दिखाई दे रही है.
सन 1867 में अंग्रेजों ने ठंडी हवा के बुलडाणा शहर को जिले का दर्जा दिया था. उस वक्त शहर को जलपूर्ति करने के लिए शहर के चारों दिशाओं मे तालाब का निर्माण कीया था. उसमे संगम तालाब, तार तालाब, लेंडी तालाब और सरकारी तालाब का समावेश था. उस वक्त शहर को संगम तालाब से जल पूर्ति की जाती थी. लेंडी तालाब और तार तालाब का इस्तेमाल धोबी घाट के लिए किया जाता था. लेकीन स्वतंत्र्यता के बाद इन चारो तालाबों की प्रशासन के नजर अंदाज के कारण अब यह तालाब आखरी सांसे गिन रहे है.
नगर पालीका के बिघडे हुए नियोजन और लापरवाही की वजह से तार तालाब और लेंडी तालाब कब के खत्म हो चुके है. वहीं अब संगम तालाब का अस्तीत्व धोके मे आ रहा है. कई दिनो से इस तालाब मे जलपर्णी की बढोत्तरी हो रही है. इस वनस्पति को खत्म नही किया गया तो, यह तालाब भी खत्म हो जाने का डर पैदा हो रहा है. इस तालाब को बचाने के लिए बहुतांश तैरने वाले नागरिक इस तालाब मे पैदा हो रही जलपर्णी को निकाल बाहर फेकते है. लेकीन दुसरे ही दिन तालाब की स्थिति जैसी की वैसी दिखती है. इस दौरान शहर मे सरकारी और संगम तालाब का अस्तीत्व कायम है. लेकीन इस तालाब की सुरक्षा और सौंदर्यीकरण की ओर नगर पालीका नजर अंदाज कर रही है. इस संदर्भ में शहर के एक व्यक्ति ने जनहित याचीका दर्ज की थी. इस पर सरकारने संगम तालाब के सौंदर्यीकरण करने के लिए तत्काल 25 लाख रूपये की निधी मंजूर की थी. लेकीन निधि मंजूर होने के दो महिने के बाद ही नगरपालीका प्रशासन को तालाब के सौंदर्यीकरण का मुहूर्त नही मिल पा रहा है. इस वजह से लोग नाराजी व्यक्त कर रहे है. इस तालाब को बचाने के लिए तत्काल सौदंर्यीकरण का कार्य शुरू करने की मांग हो रही है.
