Published On : Wed, Oct 11th, 2017

मेट्रो रूट के अगल-बगल नए निर्माण कार्य के लिए लेनी होगी एनएमआरसीएल की एनओसी

Advertisement

Nagpur metro
नागपुर: मेट्रो के अगल-बगल अब किसी भी तरह के नए कंस्ट्रक्शन को एनएमआरसीएल ( नागपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ) की एनओसी लेनी पड़ेगी। राज्य के नगर विकास विभाग द्वारा 9 जून 2017 को एक जीआर ( गवर्मेंट रिजोलुशन ) निकला गया है जिसमे शहर के जिस भाग से मेट्रो गुजर रही है उस रूट के किनारे 20 मीटर तक होने वाले किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन के लिए मेट्रो की इजाज़त को अनिवार्य किया गया है। इस जीआर में विशेष तौर पर मेट्रो रूट पर ट्रेन के दौड़ने की वजह से होने वाले कंपन का जिक्र किया गया है। जिस जगह से मेट्रो का परिचालन होगा उसके आसपास करीब 66 फीट तक ज़मीन के भीतर कंपन होने की बात को खुद राज्य का नगर विकास विभाग मान रहा है। इसीलिए एहतियातन नई ईमारत के निर्माण को मंजूरी देने से पहले मेट्रो की तकनीकी मंजूरी लेने का आदेश शासन द्वारा जारी किया गया है इस आदेश के बाद एनएमआरसीएल द्वारा जारी किये गए फॉर्म को कंस्ट्रक्शन संबंधी अहम जानकारियों को भरकर मेट्रो के अनुकूल कंस्ट्रक्शन करने की हामी देनी होगी।

यह तय है की मेट्रो परयोजना की वजह से ईमारतों को कोई खतरा न हो इसलिए ऐसा कदम राज्य सरकार द्वारा उठाया गया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है की ऐहतियार सिर्फ नए निर्माण को लेकर ही क्यूँ ? शहर के जिन रास्तों से मेट्रो गुजरने वाली है उसके अगल-बगल ऐसी कई इमारतें है जो कई वर्षो पुरानी है जिनका निर्माण उस समय की तकनीक को ध्यान में रखकर किया गया था तो क्या यह माना जाये की मेट्रो की वजह से ऐसी इमारतों को खतरा है। इन सब आशंकाओं के बीच मेट्रो का कहना है की मेट्रो की वजह से शहर की किसी भी ईमारत को किसी भी तरह का खतरा नहीं है। शासन द्वारा जो आदेश निकाला गया है यह उन सभी राज्यों में अमल में है जहाँ मेट्रो का परिचालन हो रहा है।

नागपुर मेट्रो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर महेश कुमार अग्रवाल के मुताबिक यह आदेश भविष्य में होने वाले निर्माण कार्य को ध्यान में रखकर लिया जाता है साथही निजी निर्माण कार्य की वजह से मेट्रो के मौजूदा कंस्ट्रक्शन को किसी तरह की हानि न पहुँचे इसका आकलन मेट्रो खुद कर सके। अग्रवाल का कहना है की मेट्रो के पिल्लर निर्माण के समय जमीन के नीचे पायलिंग की जाती हैं इस पायलिंग की फाउंडेशन करीब 20 फीट तक ज़मीन में फैली होती है ऐसे में अगर किसी निजी निर्माणकार्य के दौरान इस फाउंडेशन को नुकसान न पहुँचे इसका ध्यान रखना आवश्यक है। वही मेट्रों के चलने से पैदा होने वाले कंपन के सवाल पर अग्रवाल का कहना है कि ट्रेन के चलने से कंपन होता है ऐसा मेट्रो के साथ भी होगा लेकिन इसका किसीभी तरह का नुकसान नहीं होगा। जमीन हिलने या ध्वस्त होने की प्रमुख वजह दो अलग तरह की वस्तुओं की रिजोनेंस फ्रीक्वेंसी का मिलना है। पर अब तक देश में कही भी मेट्रो के साथ ऐसी स्थिति बनी नहीं है इस आदेश का मुख्य मकसद मेट्रो के इंफ्रास्टक्चर को नुकसान से बचाना है।

Gold Rate
20 May 2025
Gold 24 KT 93,400/-
Gold 22 KT 86,900/-
Silver/Kg 95,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above
Advertisement
Advertisement
Advertisement