Published On : Tue, Oct 10th, 2017

खेल मैदान के लिए आरक्षित जमीन हथियाने का प्रयास !

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encroachment over playground
नागपुर: शहर में मनपा प्रशासन की बेशकीमती जमीनें, सम्पत्तियां व इमारतें हैं. लेकिन मनपा प्रशासन की नियमित लापरवाही से आज अधिकांश सम्पत्तियां विवादों में है. कहीं अतिक्रमण तो कहीं कागजी व्यवहार पूरा न होने पर विवादों में तो कहीं हथिया लिए गए हैं. ऐसा ही मामला पश्चिम नागपुर के मौजा बोरगांव अंतर्गत गिट्टीखदान चौक समीप खेल मैदान के लिए आरक्षित जगह पर जगह के मूल मालिक ने अपनी दावेदारी ठोंकते हुए माहभर पहले सूचना फलक लगा दिया. इस फलक के लगते ही आसपास के नागरिक,खेल प्रेमी नाराज हैं, तो वहीं दूसरी ओर मनपा प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

कांग्रेस स्थानीय नगरसेवक हरीश ग्वालवंशी के अनुसार उक्त परिसर में श्यामसुंदर मूंदड़ा का ले-आउट है. जिसे नागपुर महानगरपालिका नगर रचना विभाग ने २६ अगस्त २००५ को मंजूरी प्रदान की थी. क्यूंकि इनके २०-२१ एकड़ जमीन थी, जिसके टुकड़ों-टुकड़ों में कई लेआउट/स्कीम मंजूर हुए, इसके छोटे-छोटे मैदानों को मिलाकर संयुक्त रूप से खेल मैदान के लिए १२८०० वर्ग मीटर जगह आरक्षित की गई थीं. तब से लेकर आज तक मनपा प्रशासन ने अपने हिस्से की जमीन को कागजी रूप से अपने कब्जे में नहीं लिया। मौके की नजाकत को देख उक्त ले-आउटधारक ने २-३ माह पूर्व इस खेल के लिए आरक्षित जमीन पर अपना नाम फलक लगाकर पुनः अपनी दावेदारी ठोक दी. ग्वालवंशी के अनुसार इस जमीन को लेकर मुंदड़ा परिवार में अंतर्गत विवाद था,जिसका वर्ष २००४-५ में न्यायालयीन निपटारा हो चुका है.

इस खेल मैदान पर वर्ष १९८० से स्थानीय पंजीकृत नवयुवक फ्रेंड्स स्पोर्टिंग क्लब पिछले ४-५ वर्ष पहले तक क्रिकेट का अभ्यास आदि कर रहा था. इस मैदान में अंडर-१९ के मैच, रणजी ट्रायल्स,वर्ष १९९० में बहुचर्चित दिनशॉ गोल्ड कप प्रतियोगिता का आयोजन हो चुका है.


ग्वालवंशी के अनुसार ४-५ वर्ष पहले तक सम्पूर्ण मैदान परिसर खाली था. मनपा प्रशासन की लापरवाही से पिछले ४-५ वर्षो में खाली जगह का लाभ उठाते हुए झोपड़पट्टी बस गई है. इस अवैध बस्ती के बसने से वर्षों से नियमित जारी खेलकूद पूर्णतः बंद हो गया. २-३ माह पूर्व वर्त्तमान मनपायुक्त अश्विन मुद्गल अपने दलबल के संग ‘एसआरए’ के सर्वे के लिए उक्त मैदान परिसर भी निरिक्षण किये। इसके पूर्व किसी आयुक्त या मनपा अधिकारियों ने इस ओर झांक कर भी नहीं देखा था. मुद्गल ने सम्बंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि मैदान में बसी झोपड़पट्टियों को ‘एसआरए’ के तहत स्थानांतरित करें और जगह खाली करवाई जाए। तो दूसरी ओर मनपा स्थावर व नगर रचना विभाग का कहना है कि ले-आउटधारक से मनपा को उक्त खेल मैदान के लिए आरक्षित जमीन हस्तांतरित नहीं होने से वे कुछ करने में असमर्थ है.

नवयुवक फ्रेंड्स स्पोर्टिंग क्लब ने अनगिनत पत्र लिखकर उक्त खेल मैदान को बचाने, सुधारने के लिए मनपा प्रशासन का ध्यानाकर्षित करवाए। उनकी मांग है कि उक्त खेल के मैदान को मनपा अपने कब्जे में लेकर सर्वप्रथम चारों ओर से सुरक्षा की दीवार खड़ी करें। क्यूंकि इस बड़े परिसर में इतना बड़ा खेल मैदान नहीं है. भविष्य में यह मैदान नवयुवक फ्रेंड्स स्पोर्टिंग क्लब को दिया गया तो वीसीए प्रबंधन इस मैदान में सर्वसुविधा उपलब्ध करवा सकते हैं, क्योंकि यह क्लब वीसीए से पंजीकृत है.


उक्त खेल के मैदान को हमेशा खेल प्रेमियों के लिए सर्वसुविधा युक्त रखने हेतु ग्लोबल स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने मनपा प्रशासन से मांगा है. ताकि इस मैदान पर क्रिकेट,फूटबाल,एथेलेटिक्स आदि की एकेडमी के साथ तज्ञ कोच उपलब्ध करवाकर प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर प्रदान किया जा सके.

उल्लेखनीय यह है कि अब मनपा प्रशासन के पाले में गेंद है, वे यूं ही नज़रअंदाज करते रहे तो उक्त फलक द्वारा की गई दावेदारी स्थाई हो जाएगी और मनपा प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे रह जाएंगे।