Published On : Thu, Jul 26th, 2018

मनपा कर रही सुरक्षा रक्षकों का शोषण

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NMC-Nagpur

नागपुर: मनपा प्रशासन अपने सम्पत्तियों आदि की सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों की संस्था मेस्को के साथ निजी सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षा रक्षकों की सेवा लेती है. प्रशासन के सम्बंधित अधिकारी ठेकेदारों से साठगांठ कर सुरक्षा रक्षकों का मासिक आधा वेतन हजम कर रहे हैं और समय पर ठेकेदारों के भुगतान के लिए लाखों में कमीशन खा रहे हैं. उक्त संगीन आरोप मनपा परिवहन समिति के उप सभापति व भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक प्रवीण भिसीकर ने लगा कर प्रशासन में खलबली मचा दी है.

भिसीकर के अनुसार मनपा में मेस्को के अलावा यूनिटी और कुलकर्णी सुरक्षा रक्षक पूर्ति हेतु ठेकेदारी कर रहे हैं. दोनों ठेकेदारों के ३५० से ४०० सुरक्षा रक्षक मनपा में तैनात हैं. जिसके एवज में मनपा प्रशासन ठेकेदारों को १९००० से अधिक प्रति सुरक्षा रक्षक वेतन अदा करती है. ठेकेदार मासिक व नियमित बिल के एवज में 1.२५ से १.५ लाख रुपए की घूस सम्बंधित अधिकारी को देते हैं.

उक्त दोनों ठेकेदार को प्रत्येक सुरक्षा रक्षक को करीब १९००० रुपए वेतन देना अनिवार्य किया गया था. लेकिन उक्त ठेकेदार प्रत्येक सुरक्षा रक्षक को १२-१२ घंटे काम करवाकर मात्र ८००० रुपए नगदी थमा रहे हैं. अर्थात इन सुरक्षा रक्षकों का भविष्य निधि व ईएसआईसी भी नियमित भरने में लापरवाही बरती जा रही है.

भिसीकर ने उक्त मामला गत माह मनपा आमसभा में उठाया था. इसके बाद मामला सार्वजानिक होते ही मनपा में तैनात सुरक्षा रक्षकों को जानकारी मिली कि उनका असल मासिक वेतन कितना और थमाया कितना जा रहा है. इसके बाद ठेकेदार हरकत में आ गए और सुरक्षा रक्षकों को ८००० से बढ़ाकर किसी को ९००० नगदी तो १२००० तक खाते में जमा करना शुरू किया.

मनपा प्रशासन के समक्ष जब यह मामला पहुंचा तो प्रशासन ने सभी सुरक्षा रक्षकों के पास बुक की एंट्री जांच की मांग की. अब देखना ये जरूरी है कि सम्बंधित अधिकारी जो मासिक कमिशन लाखों में उठा रहा है और उक्त दोनों ठेकेदार जिन्होंने ठेका मिलने के बाद से हर महीने आधा से ज्यादा हर सुरक्षा रक्षकों का वेतन हजम किया उन पर कानूनन कार्रवाई होगी या मनपा प्रशासन अपना पल्ला झाड़ लेगी.

वाड़ी चुंगी नाका किसका, मनपा या फिर परिवहन विभाग का
भिसीकर के अनुसार वाड़ी स्थित मनपा का पुराना चुंगी नाका परिसर मनपा प्रशासन के कब्जे में है. यह परिवहन विभाग को हस्तांतरित होने वाला था. लेकिन परिवहन विभाग के व्यवस्थापक शिवाजी जगताप ने इस जगह की सुरक्षा हेतु यूनिटी नामक सिक्युरिटी एजेंसी से बीते ६ माह से १२ गार्ड तैनात कराया. जिन पर प्रत्येक माह लगभग ढाई लाख रूपए खर्च परिवहन विभाग के खाते से किया जा रहा. अब तक १५ लाख रुपए का चूना जगताप परिवहन विभाग के खजाने को लगा चुके हैं.

परिवहन विभाग के एक अधिकारी की शह पर पहले कई माह तक वाड़ी इलाके के ट्रांसपोर्टरों को ट्रक आदि खड़ा करने के लिए मासिक किराया अवैध रूप से वसूला जाता था.