Published On : Fri, Jul 15th, 2016

स्थायी समिति ने प्रस्ताव को दी मंजूरी, रेडीरेकनर से शुल्क निर्धारित करने का निर्णय

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NMC logoNagpur: मनपा के मालकी की दुकान, ओटे व जमीन का किराया नाममात्र था. जबकि ये संपत्तियां मुख्य बाजारों में हैं, जिनकी कीमत करोड़ रुपए है. नए मनपा कानून अंतर्गत रेडीरेकनर के आधार पर बाजार शुल्क निर्धारित करने का निर्णय लिया गया. संबंधित प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी प्रदान कर दी है. इससे बाजार शुल्क 8 से 10 गुना तक बढ. जाएगा.

गुरुवार को आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया. महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम 1949 की धारा 79 (ड) अनुसार बाजार शुल्क रेडीरेकनर के आधार पर लगाने का निर्णय लिया गया. शहर में रेडीरेकनर की दर काफी अधिक है.

ऐसे में ओटे पर सब्जी व फल दुकान लगाने वालों पर बोझ बढे.गा जबकि जहां रेडीरेकनर कम हैं, वहां कम दर लगेगा. बढ.ी हुई शुल्क की जानकारी तथा लाइसेंस नवीनीकरण के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया है.

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कांजीहाउस शुल्क हुआ डबल

गली-चौराहों, सड.क तक लावारिस मवेशी घूमते हुए दिख जाएंगे. ये दुर्घटना का कारण भी बनने लगे हैं. मवेशियों को खुला छोड.ने वालों पर अंकुश लगाने के लिए कांजीहाउस शुल्क में बढ.ोत्तरी का निर्णय स्थायी समिति ने लिया है.

यह शुल्क दोगुना हो गया है. स्थायी समिति की तरफ से नियुक्त उपसमिति की सिफारिश पर नई दरों को मंजूरी प्रदान की गई. मनपा के कांजीहाउस विभाग की तरफ से मवेशियों को पकड.ने की कार्रवाई की जाती है. चौथी बार अगर मवेशी पकड.ा जाता है तो जुर्माना राशि दस गुना वसूली जाएगी. सीमेंट रोड के तीसरे चरण को मंजूरी सीमेंट रोड फेज-3 के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही उसके सर्वेक्षण कार्य के लिए एजेंसी की नियुक्ति कर दी गई.

48.42 किलोमीटर की 43 सड.कें तीसरे चरण में तैयार की जाएंगी. इसी में से पौनीकर मोहल्ला, टिमकी बस्ती से जागनाथ बुधवारी के बीच 94 लाख रुपए के सीमेंट रोड तथा अयोध्यानगर व उदयनगर के 12 सीमेंट रोड में से एक रोड के काम को भी आज मंजूरी मिली. शहर में जलापूर्ति योजना को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की अमृत योजना अंतर्गत मनपा को 223 करोड. रुपए की निधि मिलेगी. संबंधिन योजना के लिए मनपा को विस्तृत परियोजना रपट (डीपीआर) तैयार कर 15 दिन में सौंपना है. इसी वजह से संबंधित डीपीआर तैयार करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है. सलाहकार को 1.07 करोड. रुपए की राशि प्रदान की जाएगी. अनधिकृत इलाकों के विकास की रूपरेखा नासुप्र ने तैयार की थी. पाइप लाइन का नेटवर्क जिन इलाकों में नहीं है, वहां का डाटा उपलब्ध होने की वजह से मे. दिनेश राठी व एसोसिएट को सलाहकार बनाया गया है. इसके पूर्व भी उन्होंने जलापूर्ति योजना का डीपीआर तैयार किया है. बिना निविदा निकाले उन्हें यह काम दिया गया है.

– राजीव रंजन कुशवाहा

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