Published On : Thu, Sep 22nd, 2016

सरकारी राजस्व का नुकसान पहुँचाने वाले को रेती घाटो का मिला ठेका !

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रेती चोरी की घटना सहित अवैध रेती उत्खनन का मामला मोहाडी और गोवरी रेती घाट पर होने की आशंका

img-20160921-wa0108नागपुर टुडे: मशीन से रेती उत्खनन की जिद्द लिए वर्ष २०१६-१७ के लिए रेती घाट की निलामी प्रक्रिया का पहले विरोध किया फिर जिलाधिकारी कार्यालय के आमंत्रण पर चोरी सह सरकारी राजस्व डुबोने वालो को भी ठेके देने का गैरकानूनी कृत इन दिनों गर्मागर्म चर्चा का विषय बना हुआ है.

ज्ञात हो कि पिछले वर्ष तक रेती घाट के धंधे में लगभग सभी एक होकर जिले से अधिकांश रेती घाट करोड़ों में ली थी,इस बिना पर की सरकारी मशीनरी कहीँ रोड़ा नहीं बनेगी।इस धंधे में एकछत्र राज के लिए नागपुर शहर,कामठी,सावनेर विधानसभा क्षेत्र सहित मध्यप्रदेश के इच्छुक एक होकर अपंजीकृत कंपनी बनाई।इस अपंजीकृत कंपनी में वर्द्धराज पिल्ले और नितिन कमाले शामिल नहीं थे.

कंपनी ने अधिकांश रेती घाट हासिल तो कर लिए बाद में आपस में लड़ बैठे। इस बार रेती घाट के निलामी में सरकारी नियमावली कड़क और ड्रोन से मुआयना के चक्कर में छोटे-छोटे रेती घाट ठेकेदार पहले ही बाहर हो गए.फिर तय रणनीति के आधार पर जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा पूर्ण सहयोग के आश्वासन पर कुछ विरोध दर्शा रहे ठेकेदार २० सितंबर २०१६ को रेती घाट निलामी प्रक्रिया में भाग लिए.इस बार रेती घाट निलामी प्रक्रिया में नागपुर शहर और कामठी के ठेकेदार एक थे तो सावनेर विधानसभा के ठेकेदार अलग गुट बनाकर निलामी प्रक्रिया में भाग लिया।

उल्लेखनीय यह है कि रेती घाट के निलामी में वैसे ठेकेदारों ने भाग लिया था,जिन के खिलाफ रेती घाट के सन्दर्भ में कई प्रकार के मामले दर्ज है.

img-20160921-wa0106साथ ही कई थानों में रेती घाट सम्बंधित मामला दर्ज भी है,मामला जैसे न्यायलय में मामला चल रहा है,रेती चोरी,सरकारी राजस्व को चुना लगाने आदि.इनमे से आधे से अधिक का समावेश है ,ऐसे लोगो को ठेके लेने के लिए जिला प्रशासन ने सिर्फ प्रोत्साहित ही नहीं किया बल्कि उन्हें रेती घाट दिलवाने में चुप्पी साध सहयोग किया।नागपुर-कामठी की समूह में भूटानी,लुल्ला,धम्मा,रोकड़े,अग्रवाल,पाटिल,बेग,सहजरमानी आदि है,इन्होंने ६-७ रेती घाट लेने में सफलता हासिल की.तो दूसरी ओर सावनेर विधानसभा क्षेत्र की बनी समूह में पुंडलिक,भुरकुंडे,बोरकर,सिद्दीकी,दमाहे आदि है.सिर्फ चिखले फ़िलहाल कही नहीं है,इन्हें सिर्फ २ घाट लेने में सफलता मिली।

समझा जाता है कि उक्त विवादस्पद ठेकेदारो के खिलाफ जल्द ही विरोधी जिलाधिकारी से मुलाकात कर विरोध प्रकट करेंगे और दिया गया ठेका रद्द करवाने की कोशिश करेंगे।

उल्लेखनीय यह भी है कि इस दफे सबसे ज्यादा रेती चोरी की घटना सहित अवैध रेती उत्खनन का मामला मौदा तहसील के मोहाडी और गोवरी रेती घाट पर होने की आशंका स्थानीय नागरिको ने व्यक्त की है.उक्त सभी रेती घाट के ठेकेदारों को रेती उत्खनन का अधिकृत समय १ अक्टूबर २०१६ से शुरू होंगा लेकिन १५-२० अक्टूबर २०१६ के बाद से ही रेती उत्खनन कर सकेंगे।

पिपला,पालोरा,नयाकुण्ड आदि में चोरी जारी

उक्त घाटो की निलामी में बोली नहीं लगी,यह भी एक साजिश है.इन सभी घाटो में खुलेआम रेती का अवैध उत्खनन जारी है.इतना ही नहीं रेती माफिया कई मलाईदार रेत घाटो का “ईएम डी” भरकर बोली में ऊँचाई तक बोली बोल घाट का टेंडर अड़ा देते है.इस चक्कर में इनका १० से २५% पैसा फंस जाता सहित डूब जाता है.और इन माफियाओं को फायदा यह होता है कि ऊँची बोली वाले रेत के घाट कोई नहीं ले पाते है,बाद में जिला प्रशासन “ईएमडी” भरने वालों को सरकारी राजस्व को चुना लगाने के नाम पर काली में भी नहीं डालती है.इसलिए शिवसेना जिला उपप्रमुख वर्द्धराज पिल्ले ने मांग की है कि सरकारी राजस्व को चुना लगाने वालों को काली सूची में डाला जाये तथा ऐसी स्थिति पैदा करने वाले सम्बंधित अधिकारियों को निलंबित किया जाये।

सोनेगांव(कामठी तहसील ) घाट पर दौड़ रही मशीन

कामठी तहसील से गुजरने वाली कन्हान नदी पर सोनेगांव रेती घाट है.इस घाट के टेंडर के बाद से ही रेती उत्खनन मशीन द्वारा जारी है,पिल्ले के अनुसार वर्त्तमान में ३ मशीन द्वारा रेती का खुलेआम उत्खनन जारी है.इस घाट संचालक पर जिलाधिकारी कार्यालय की मेहरबानी समझ से परे है ?

– राजीव रंजन कुशवाहा