Published On : Tue, Nov 15th, 2016

पाँच दिनों में मनपा की तिजोरी में जमा हुए 14 करोड़, नोट बंदी के फैसले का मिला फायदा

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NMC

नागपुर: 500 और हजार रूपए के नोट के चलन पर लगी रोक राज्य सरकार के सरकारी दफ्तरों के लिए मुनाफ़े का फैसला बन गया है। इस फैसले के बाद राज्य सरकार द्वारा दी गई रिआयत की वजह से राज्य सरकार की तिजोरी में लगभग 600 करोड़ रूपए बढ़ने की जानकारी वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दी है। दूसरी तरफ नागपुर महानगर पालिका भी चाँदी काट रही है। इस फैसले के बाद 10 से 15 नवंबर के बीच मनपा को 14 करोड़ रूपए का बकाया कर जनता की और से चुकाया गया है।

इन पांच दिनों के भीतर जनता ने जो पैसा कर के रूप में चुकाया है उसमे 95 फीसदी 500 और हजार के ही नोट है। जनता के भारी प्रतिसाद को देखते हुए राज्य सरकार के नगर रचना विभाग ने 500 और हजार की नोट को स्वीकार करने की मियाद आगामी 24 तारीख तक बढ़ा दी है जिस वजह से मनपा को आने वाले दिनों में बड़ी मात्रा के कर की रकम जमा होने की उम्मीद है। मनपा को इन पांच दिनों में
10 नवंबर को 39 लाख
11 नवंबर को 6 . 32 करोड़
12 नवंबर को 2 . 12 करोड़
13 नवंबर को 1 . 19 करोड़
14 नवंबर को 2 . 23 करोड़
15 नवंबर को दोपहर तीन बजे तक 87 लाख रूपए हासिल हुए है। इन पांच दिनों में संपत्ति कर के रूप में कुल 13 . 14 करोड़ और बाजार विभाग से बीते चार दिनों में 62 लाख रूपए का राजस्व हासिल हुआ है।

मनपा के कर विभाग प्रमुख मिलिंद मेश्राम के मुताबिक मनपा को जीतनी रफ़्तार से इन पांच दिनों के भीतर राजस्व हासिल हुआ ऐसा पहले कभी नहीं मिला। आज राज्य सरकार के नगर रचना विभाग ने 500 और हजार की नोट 24 नवंबर तक स्वीकारने का फैसला लिया है। इसका फायदा मनपा को होगा और करोड़ो रूपए मनपा की तिजोरी में जमा होंगे। गौरतलब हो की वर्ष 2016 – 17 के लिए कर विभाग को कर वसूली के लिए 306 करोड़ का टार्गेट दिया गया है। पर संपत्ति कर में नई कर प्रणाली को लेकर बने असमंजस की वजह से नई प्रणाली लागू नहीं हो पायी जिस वजह से मौजूद वित्त वर्ष में बीते 8 महीनो में 9 नवंबर तक सिर्फ 64 करोड़ रूपए ही जमा हुए। अब मनपा की कर रिकवरी जबरजस्त तरीके से बढ़ गई है जिससे कर विभाग ने भी राहत की सांस ली है। कुलमिलाकर 500 और हजार के नोट का बंद होना मनपा के लिए मुनाफ़े का सौदा साबित हो रहा है।