नागपुर: नागपुर महानगर पालिका ने सड़क निर्माण में घटिया दर्जे का काम करने वाले कॉन्ट्रेक्टर को 6 महीने के लिए बैन कर दिया है। बीते दिनों शहर की सडको की बदहाली पर शुरू हुए राजनितिक हंगामे के बाद मनपा ने वरिष्ठ नगरसेवक सुनील अग्रवाल की अध्यक्षता में एक जाँच समिति गठित की थी। इस समिति ने अपनी जाँच रिपोर्ट सौप दी जो सार्वजनिक भी हो चुकी है। इस रिपोर्ट में शहर की 18 सडको को बदहाल हालात में पाया खास बात है इन 18 सडको में से 8 सड़क का निर्माण ओ जी बजाज नामक ठेकेदार की कंपनी ने किया था। यह मामला सामने आने के बाद मनपा प्रशासन ने ठेकेदार पर दंड बैठते हुए आगामी 6 महीने तक किसी भी तरह का काम उक्त ठेकेदार की कंपनी को न देने का फैसला किया है।
आगामी 5 तारीख को मनपा की स्थाई समिति की बैठक होने वाली है जिसमे इस संबंध में प्रस्ताव भी लाया जायेगा। गौरतलब हो की शहर की सडको की हालात को लेकर बीते दिनों जमकर राजनीति हुई। विपक्ष ने सडको की दुर्दशा के लिए मनपा के लचर रैवैय्ये को जिम्मेदार ठहराया। मामले में शोर बढ़ता देते एक जाँच समिति भी बनाई गई। अब जो समिति की रिपोर्ट सामने आई है उसमे ठेकेदार द्वारा लापरवाही किये जाने की जानकारी सामने आने के बाद मनपा ने दोषी कंपनी के खिलाफ जो फैसला लिया है वह भी महज खानापूर्ति जैसा ही है। जनता के पैसे से बनी सड़के समय से पहले ही ख़राब हो गई। साफ है इन सडको को जनता के पैसे से फिर बनाया जायेगा। बजाय इसके की मनपा ख़राब काम करने के लिए जिम्मेदार ठेकेदार से जुर्माना वसूलती उसे 6 महीने के लिए बैन करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला महापौर की उस बात को ही झूठा साबित कर रहा है जिसमे उन्होंने सड़क घोटाले में दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने का भरोसा जनता को दिया था। इसके अलावा शनिवार को होने वाली सभा में कई अहम फैसले लिए जा सकते है। जिसमे नागपुर शुरू विकास कामो को 30 नवंबर तक ख़त्म किये जाने का आदेश जारी किया जाना है। मनपा ने टेंडर जारी करने की प्रक्रिया में बदलाव किये जाने का भी मन बनाया है। आम तौर पर लोवेस्ट टेंडर भरने वाली कंपनी को ठेका दिया जाता है पर अब सेकेंड लास्ट लोवेस्ट टेंडर बिडर को ठेका दिया जायेगा इस संबंध में भी प्रस्ताव आगामी स्थाई समिति की बैठक में आएगा।

