Published On : Wed, Sep 15th, 2021

सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाने में पहल करें

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-वीएनआईटी दीक्षांत समारोह में गडकरी ने किया आवाहन

सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाने में पहल करें

नागपुर: विदर्भ एक खनिज और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध क्षेत्र है। यहां की स्थानीय स्थिति के साथ-साथ गढ़चिरोली और मेलघाट जैसे सुदूर क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) द्वारा किया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वीएनआईटी के दीक्षांत समारोह के अवसर पर इसी तरह की पहल करने का आवाहन किया। राष्ट्रीय अभियंता दिवस और भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरैया के जन्मदिन के अवसर पर, नागपुर में वीएनआईटी संस्था का 19वां दीक्षांत समारोह ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर वी.एन.आय.टी. के व्यवस्थापक और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, प्रोफेसर पडोले, वैज्ञानिक और उद्योगिक संशोधन परिषद- सीएसआयआर के महाव्यवस्थापक डॉ. शेखर मांडे उपस्थित थे ।

सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सुझाव दें छात्र:
इंजीनियरिंग छात्रों को सरकारी संस्थानों के निर्माण के दौरान तैयार की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की जांच करनी चाहिए और सरकार को ऐसे सुझाव देना चाहिए जिससे इन इमारतों के निर्माण में मदद मिले और उनके पेशेवर ज्ञान में भी बढ़ोतरी हो। हमारा मंत्रालय सड़क निर्माण में डीपीआर सत्यापन, अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग कर सड़क सुरक्षा, जूट, फ्लाई ऐश और अन्य प्रकल्पों में इंजीनियरिंग छात्रों को शामिल करने के लिए तैयार है। गडकरी ने कहा कि हमें दुनिया में सर्वोत्तम तकनीकों का उपयोग करना चाहिए ताकि परियोजना टिकाऊ और सक्षम हो और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनी रहे।


विदर्भ के विकास में सहयोग करे वीएनआईटी:
विदर्भ में, चावल और बांस, जो प्रचुर मात्रा में उत्पादित होते हैं। संतरा और कपास की भी व्यापक रूप से खेती की जाती है। इन सबका प्रबंध कर विदर्भ को समृद्ध बनाने के लिए वीएनायटी अपनी तकनीक का इस्तेमाल कर पहल करें। सड़क इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी वीएनायटी को सहयोग करना चाहिए, गडकरी ने आवाहन करते हुए कहा।

प्रणब दा, काकोडकर जैसे मान्यवरों की तरह संबोधित करना गर्व की बात:
विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थानों में एनआईआरएफ रैंकिंग में 24वें स्थान पर है और इस उपलब्धि के लिए गडकरी ने प्रतिष्ठान प्रशासन, प्रोफेसरों, स्टाफ और छात्रों की सराहना की। वीएनआयटी के उद्घाटन समारोह में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोडकर जैसे मान्यवरों ने संबोधित किया था । उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में इस साल के दीक्षांत समारोह को संबोधित करना मेरे लिए गर्व की बात है। “मुझे बहुत गर्व है कि वीएनआईटी का नाम सर विश्वेश्वरैया के नाम पर रखा गया है । इन्ही की जयंती पर इंजीनियर दिवस मनाया जाता है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि वीएनआयटी ने छात्रों को कोविड संकट के समय भी कैंपस प्लेसमेंट के ज़रिए नौकरी प्रदान कर अच्छे अवसर दिए हैं। गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार स्टार्टअप इंडिया, आत्मानिर्भर भारत, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं को लागू कर रही है युवाओं के अनोखे विचारों को समर्थन करने का काम कर रही है ।

दीक्षांत समारोह में कुल 1134 डिग्री प्रदान की गईं, जिनमें 49 पीएचडी, 332 मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी, 60 मास्टर्स ऑफ साइंस, 634 बैचलर्स ऑफ टेक्नोलॉजी और 59 बैचलर्स ऑफ आर्किटेक्चर का समावेश है।