नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन निर्माता कंपनियों को एक कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने यह साफ किया है कि या तो ये कंपनियां किसी वैकल्पिक ईंधन वाली गाड़ियां बनाना शुरू करें, वरना फिर आने वाले समय में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। अपनी बात से उन्होंने साफ किया है कि भविष्य डीजल या पेट्रोल का नहीं है, बल्कि किसी वैकल्पिक ईंधन का है। उन्होंने यह सारी बातें सियाम के एक कार्यक्रम में कही हैं।
‘मैं ध्वस्त कर दूंगा इन वाहनों को’ गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक कैबिनेट नोट तैयार किया गया है, जिसमें चार्जिंग स्टेशनों पर ध्यान दिया जाएगा। गडकरी ने वाहन निर्माताओं से वैकल्पिक ईंधन की ओर बढ़ने को कहा। वह बोले- मैं यह करने जा रहा हूं, भले ही आपको यह पसंद हो या नहीं। मैं आपसे कहूंगा भी नहीं। मैं इन्हें (वाहनों को) ध्वस्त कर दूंगा। वह बोले- ‘पेट्रोल डीजल (गाड़ियां) बनाने वालों का बैंड-बाजा बजाना है।’
नोट छापने वाले भुगतेंगे गडकरी ने अपने बयान में कहा है कि जो लोग सरकार का समर्थन कर रहे हैं, वह फायदे में रहेंगे, लेकिन जो लोग बस नोट छापने में लगे हुए हैं, उन्हें परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कार निर्माताओं से रिसर्च करने की अपील की। वह बोले कि अब तो बैटरियों की कीमत भी 40 फीसदी कम हो गई है, इसलिए इलेक्ट्रिक कारों के बारे में भी सोचा जा सकता है।
अपनी ग्रोथ में करें कटौती गडकरी बोले कि आपको अच्छा नहीं लगेगा, लेकिन में दिल से चाहता हूं कि आपकी ग्रोथ कम हो जाए। अगर ग्रोथ ऐसी ही रही तो मुझे नेशनल हाइवेज में एक और लेन जोड़नी पड़ेगी, जिसमें 80 हजार करोड़ का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि सरकार योजना बना रही है कि 2030 तक भारत में सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां हों, इसलिए वाहन निर्माता रिसर्च करें और नई तकनीक पर ध्यान दें।