Published On : Wed, Aug 22nd, 2018

गडकरी ने पूछा,बताओ भूमिपूजन के लिए कब आऊं ?

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नागपुर : तीन वर्ष हो गए निधि उपलब्ध करवाए. सभी तकनीकी अड़चनें भी दूर करवा दीं. अन्य विभागों की भी मंजूरियां दिलवा दीं. लेकिन विभाग के अधिकारी सिवा कागजी घोड़े दौड़ाने के अलावा कुछ नहीं किया. ऐसी सूरत में कई बार कल मनपा स्थाई समिति सभागृह में महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों की सहजता से खिंचाई करते हुए उनसे साफ़-साफ़ शब्दों में कहा कि उनका चुनाव नजदीक है, बताओ भूमिपूजन कब कर रहे हो.

गडकरी ने कल बैठक में कई बार खस्ताहाल मनपा पर अविशवास जताते हुए मेट्रो की वाहवाही कर उन्हें तोड़ने से लेकर निर्माण करने का ठेका देने के निर्देश दिए. तो वहीं गडकरी ने जिलाधिकारी, नासुप्र सभापति, पूर्व मनपायुक्त अश्विन मुद्गल पर विश्वास जताते हुए उनके के कांधों पर अधर में लटके सम्पूर्ण विकास कार्य को सुलझाते हुए पूर्ण करने और करवाने की जिम्मेदारी दे डाली. वहीं मेट्रो प्रमुख एक के ऊपर एक लादी जा रही जिम्मेदारी को गडकरी के हाँ में हाँ मिलाते सहजता से स्वीकार करते नजर आए.

गडकरी ने राज्य लोककर्म विभाग के देबडवार की खिंचाई करते हुए कहा कि अबतक 1800 करोड़ का काम सौंपा जा चुका है लेकिन यह बताएं शुरू कब करोंगे और ख़त्म कब करेंगे.

राज्य लोककर्म विभाग के कार्यकारी अभियंता नरेश बोरकर सब को गुमराह करते देखे गए. सोमवार को जब मीडिया ने उनसे ऑरेंज सिटी स्ट्रीट के सन्दर्भ में जानकारी मांगी तो उनका जवाब था कि उनका तबादला हो गया. इसलिए वे मनपा में उनके सहायक अभियंता नियाजी से जानकारी लें. दूसरे ही दिन गडकरी की बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते देखे गए. दरअसल मनपा प्रकल्प विभाग के लापरवाही पर ऑरेंज सिटी स्ट्रीट आज आधे से थोड़ा कम हिसाब अतिक्रमण की चपेट में है. समय रहते आज उनका उन्मूलन नहीं किया गया तो उन्हें हटाकर प्रकल्प खड़ी करने में ‘दांतों चने चबाने होंगे’. गडकरी ने अंत में यह भी कहा कि ऑरेंज सिटी प्रकल्प में बाजार भाव से 500-1000 रुपए कम वर्ग फुट में माल बेंचे जाएं ताकि पूरा माल बिक जाए और मनपा को कड़की दूर करने के लिए 1000-1500 करोड़ की आय हो जाए.

गडकरी ने बैठक में सभी सम्बंधित अधिकारियों से मनपा के खस्ताहाल पर मदद मांगी और मनपा को खर्च करने की स्थिति से बचते हुए वृक्षारोपण व्यवसाय से जुड़े टावरी को सुझाव दिया कि उन्हें महामार्ग प्राधिकरण १५० किलोमीटर का वृक्षारोपण का काम देंगी, जिसके बदले में शहर के ५० किलो मीटर का वृक्षारोपण उन्हें निशुल्क करना पड़ेगा.

नियमित उठ रहर मनपा के सवाल पर गडकरी ने मनपा मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी मोना ठाकुर से कहा कि राज्य सरकार के अनुदान/निधि का अन्य मद में क्यों उपयोग कर रही हो, तो मोना ठाकुर ने उसकी सच्चाई बतलाने के बजाय यह कहा कि वे जब से मनपा में आई तब से ऐसी कोई मामलात नहीं हुए. जबकि इसके पूर्व के अधिकारी मदन गाडगे ने राज्य व केंद्र सरकार के अनुदानों का कमीशन के चक्कर में बंटाधार कर चलते बने, जिसे गंभीरता से पाटने का काम मोना ठाकुर कर रही हैं.

बैठक के अंत में पूर्व नागपुर में निर्मित हो रही एसएआई, सिम्बॉयसिस,एलएनटी प्रकल्प के निकट रेमंड के विश्व स्तरीय स्कूल को ८ एकड़ देने न निर्देश दिया. गडकरी के ओएसडी ने जानकारी दी कि स्कूल प्रबंधन दौरा कर जा चुका है.

उल्लेखनीय यह रही कि बैठक में गडकरी उम्मीद के अनुरूप समन्वयक के रूप में नज़र आये, लेकिन यहां चाय से ज्यादा केतली गर्म दिखी.
कल परिवहन विभाग गुमराह करेंगी कल गुरुवार की सुबह दिल्ली के परिवहन भवन में गडकरी की मनपा अधिकारी,पदाधिकारी,ठेकेदारों सह स्वीडन के भारतीय राष्ट्रदूत आदि संग बैठक हैं.

मनपा परिवहन विभाग के व्यवस्थापक शिवाजी जगताप ने बैठक के लिए जो रिपोर्ट तैयार की वह निहायत ही गुमराहपूर्ण तैयार की गई है.

इस रिपोर्ट द्वारा गडकरी को शहर बस परिवहन विभाग का घाटा अल्प दर्शाया जाएगा. जबकि उन्हें रेड और ग्रीन बस का रिपोर्ट अलग-अलग तैयार किया जाना चाहिए था.रोजाना सवा लाख यात्रियों को ढोने वाली ३२० रेड बस और रोजाना उंगलियों पर गिने जाने वाले मामूली यात्रियों के लिए चलाई जा रही ग्रीन बस के घाटे में अंतर काफी है लेकिन दोनों को एकसाथ कर मसला सुलझाने के बजाये और पेचीदा होने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा.