नागपुर: खामला में फ़रियाज होटल लिमिटेड द्वारा निर्मित रिहायशी ईमारत को लेकर उठ रहे सवालों के बीच नागपुर सुधार प्रन्यास ने भी अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है। एनआइटी द्वारा कंपनी को नोटिस जारी कर बिना इजाज़त के ग्राहकों को आक्यूपेशन ( कब्ज़ा ) दिए जाने पर सफ़ाई माँगी गयी है।
एनआइटी लगातार इस ईमारत के निर्माण को लेकर सवाल उठा रही है जिला प्रशाषन से बाकायदा इस सम्बद्ध में जाँच की माँग तक की जा चुकी है। आरटीआई कार्यकर्त्ता टी एच नायडू की याचिका पर संज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता द्वारा उठाये गए सवालो का जवाब भी कंपनी से माँगा गया है। अपने पत्र में एनआइटी ने खुद अपनी जाँच का हवाला देते हुए माना है की बिना इजाज़त के ग्राहक ईमारत में रह रहे है। 15 नवंबर 2017 को एनआइटी द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब सात दिनों के भीतर देने को कहाँ गया है।
अपनी शिकायत में आरटीआई कार्यकर्त्ता नायडू ने ईमारत के निर्माण को गैरकानूनी करार दिया है। उन्होंने एनआइटी की जमीन का नियमों को ताक पर रखकर व्यवहार किये जाने का भी आरोप लगाया है। नायडू के मुताबिक प्लॉट नंबर 82 से 95 के ज़मीन जो नागपुर बेघर मित्र मंडल की थी उसकी खरीददारी में भी झोलझाल किया गया है।
एनआइटी द्वारा भेजे गए पत्र में ज़वाब न मिलने पर सख़्त कार्रवाई किये जाने चेतावनी भी दी गई।