नागपुर: नागपुर सुधार प्रन्यास ने 2017 -2018 में 959 करोड़ 40 लाख का बजट पेश किया है। साथ ही इसके दीक्षाभूमि, ड्रैगन पैलेस और चिंचोली के लिए भी प्रावधान किया गया है। बुद्धिस्ट सर्किट अंतर्गत दीक्षाभूमि, ड्रैगन पैलेस और चिंचोली जहां पर बाबासाहेब की वस्तुएं रखी गई है। इसके लिए 99 करोड़ 81 लाख का सुधारित प्रस्ताव केंद्र सरकार की मान्यता के लिए भेजा जानेवाला है। फिलहाल बजट में 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बाबासाहेब की चिंचोली में रखी गई वस्तुओं की रासायनिक क्रिया भी इसी निधि से कि जाएगी।
कोराडी मंदिर परिसर के विकास के लिए भी प्रावधान किया गया है। नगरविकास विभाग ने 183 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च की प्रशासकीय मंजूरी प्रदान की है। इस बजट में 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ताजबाग क्रीड़ा संकुल के बचे काम को पूरा करने के लिए 24 करोड़ 20 लाख रुपए को मंजूरी दी गई है। 10 करोड़ रुपए अभी नागपुर सुधार प्रन्यास के पास है। इस प्रकल्प पर 4 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च किए गए है।
इस बजट में विभागीय क्रीड़ा संकुल का कार्य पूरा करने के लिए भी मंजूरी दी गई है। 24 करोड़ 20 लाख के प्रशासकीय खर्च को मंजूरी दी गई है। अभी 10 करोड़ रुपए नासुप्र को मिले है। इस प्रकल्प पर 4 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च किए गए है। फुटाला तालाब में संगीत, लाइट व लेज़र मल्टी मीडिया शो और अम्बाझरी उद्यान में स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित ध्वनि प्रकाश कार्यक्रम के लिए अनुमानित 60 करोड़ और 5 वर्ष की देखभाल -दुरुस्ती के लिए 15 करोड़ मंजूर किए गए है। इसमें कुल 75 करोड़ रुपए खर्च अनुमानित किया गया है। बजट में इसके लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही लकड़गंज पुलिस स्टेशन परिसर में प्रस्तावित पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मचारियों के लिए आवास योजना का भी संकल्प किया गया है। पुलिस कर्मचारियों के लिए 348 मकान बाबत महाराष्ट्र राज्य पुलिस गृहनिर्माण व पुलिस गृहनिर्माण व कल्याण महामंडल मर्यादित 144 करोड़ 96 लाख के खर्च को प्रस्तावित मंजूरी दी गई है। इसके लिए सरकार से 5 करोड़ रुपए मिले हैं। बजट में इसके लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शहर में विकास कार्यों के लिए भी निधि दे रही नासुप्र
नागपुर सुधार प्रन्यास के इस बजट में सभी विकास कार्यों के लिए निधि देने की जानकरी नासुप्र सभापति डॉ दीपक म्हैस्कर द्वारा दी गई। बजट के बाद आयोजित पत्र परिषद में नासुप्र द्वारा एफडी की बात पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि नासुप्र बर्खास्त होने के बाद जमा पूंजी नागपुर महानगरपालिका को मिलने की उम्मीद है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि नासुप्र में जितना पैसा है, उससे ज्यादा उनपर शहर के विभिन्न प्रकल्पों के विकास का दायित्व है। उन्होंने बताया कि नासुप्र के पास कमिटेड पैसा है। 1300 करोड़ रुपए का दायित्व नासुप्र पर है। अगर यह पैसा बाँटते हैं तो मेट्रो रेल परियोजना और स्मार्ट सिटी परियोजना को पैसा नहीं दे पाएंगे।
मेट्रो रेल के करार अनुसार 50 करोड़ रुपये साल के देने हैं। राशि के बदले उन्हें जमींन भी दी जा रही है। 11 जमीन में से अब तक 8 जमीनों का हस्तांतरण किया जा चुका है। 3 भूमि मामलों में विवाद है। इसके अलावा लगभग 54 करोड़ रुपए नगद राशि दी गई है। बजट में मेट्रो के लिए 25 करोड़ रुपए का टोकन प्रावधान किया गया है। शहर में बन रही सीमेंट की सड़कों के लिए 100 करोड़ में से 25 करोड़ दिए गए हैं। अब तक महानगर पालिका को 300 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। नासुप्र की 184 करोड़ की एफडी की जानकारी भी उन्होंने इस दौरान दी है।