नई दिल्ली: दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी में ऑड-ईवन को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने इस स्कीम को मंजूरी दे दी है।अब सोमवार 13 नवंबर से 17 नवंबर तक यह योजना लागू होगी। हालांकि एनजीटी ने इसे लागू करने के लिए कड़ी शर्त रखी है।
एनजीटी ने इमरजेंसी वाहन जैसे- एंबुलेंस आदि को छोड़कर सभी को छूट से बाहर कर दिया है। यानी अब दोपहिया वाहन, महिला ड्राइवर वाली गाड़ी, वीआईपी, बच्चों वाली कार आदि सभी को छूट से बाहर कर दिया है। यानी अब किसी भी संस्था, व्यक्ति या वीआईपी किसी को भी इस स्कीम के तहत छूट नहीं मिलेगी।
एनजीटी के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने आज दोपहर में इमरजेंसी बुलाई है। बताया जा रहा है कि ट्रिब्यूनल के कड़े आदेश के बाद अब सरकार गफलत में है कि आखिर दोपहिया वाहनों को भी ऑड-ईवन के दायरे में लाने पर आखिर इस नियम को लागू कैसे करवाया जाएगा। उसी को लेकर सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।
एनजीटी ने ये भी निर्देश दिया है कि अगर भविष्य में भी कभी पीएम 2.5 का लेवल 500 के पार और पीएम 10 का लेवल 300 के पार पहुंच जाए तो 48 घंटे तक स्थिति का जायजा लेने के बाद अपने आप ऑड-ईवन स्कीम लागू हो जाएगी। बता दें कि इस बार इस प्रदूषण का स्तर उपर बताए गए पैमाने से ज्यादा है इसी वजह से एनजीटी ने ऑड-ईवन को लागू करने की मंजूरी दी है।
इसके साथ ही एनजीटी ने दिल्ली सरकार को पार्किंग फीस को चार गुना किए जाने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
तारीख तय करेगी किस नंबर की चलेगी गाड़ी
किस तारीख को कौन सी गाड़ी चलेगी, यह तारीख के नंबर पर तय करेगा। विषम तारीख यानी 13, 15, 17 को विषम नंबर के ही वाहन चलेंगे। इसी तरह सम तारीख यानी 14, 16 नवंबर को वही वाहन चलेंगे जिसके आखिर में 2, 4, 6, 8 और 0 होगा। जीरो को सम नंबर माना जाएगा। पहले दिन 13 नवंबर को सिर्फ विषम नंबर वाले वाहन चलेंगे।
हालांकि इस पूरे फैसले से दिल्लीवालों को सोमवार से बहुत परेशानी होने वाली है। क्योंकि इस बार दोपहिया वाहनों को भी इस नियम में शामिल कर लिया गया है। देखें क्या है राजधानी में वाहनों के आंकड़े-
एक नजर में वाहनों की संख्या
– 1.05 करोड़ वाहन दिल्ली में रजिस्टर्ड।
– 63.26 लाख दुपहिया वाहन है।
– 30.42 लाख निजी कारें।
– 2.21 लाख गुड्स कैरियर।
– 1.13 लाख मोपेड।
– 3.75 लाख अन्य वाहन रजिस्टर्ड हैं।
– 25.60 लाख वाहन (अनुमानित) दायरे में आएंगे।
– 12.30 लाख रोजाना सड़कों से हटेंगे।
– 4-6 लाख एनसीआर के वाहन दिल्ली आते हैं।
– 1300 से अधिक एंबुलेंस रजिस्टर्ड है।
– 8000 एंबेंसी कारों को छूट है।
– 3.50 लाख सीएनजी कारों (अनुमानित) को छूट है।
हेलिकॉप्टर से भी बारिश कराने को कहा
वहीं इससे पहले सुनवाई शुरू करते हुए एनजीटी ने कड़ा रुख अख्तियार किया। एनजीटी ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के वकील तरुणवीर केहर से ऑड-ईवन को लागू करने के पीछे की वजह पूछी। जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कहा कि पहले जब स्थिति खराब थी तो इसे क्यों नहीं लागू किया, अब क्यों कर रहे हैं जब हालात सामान्य हो गए हैं।
इसके साथ ही एनजीटी ने दिल्ली सरकार से वो चिट्ठी दिखाने को कहा जिसके आधार पर ऑड-ईवन लागू किया जा रहा है। एनजीटी ने ये भी पूछा कि क्या आपने एलजी से इस बारे में अनुमति ली है। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार को ये भी बताने को कहा कि आखिर एक इंसान दिन में कितनी बार सांस लेता है।
कोर्ट ने ये भी कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) ने दिल्ली सरकार को पहले ही इस भयावह स्थिति के बारे में मौखिक रूप से अवगत करा दिया था लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया।
एनजीटी ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा कि वो एक बड़े शहर का नाम बताएं जिसका पीएम 10 लेवल 100 से कम है। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार उसके उसके धैर्य की परीक्षा ना लें।
आगे बोलते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि आंकड़े दिखाते हैं कि बारिश से प्रदूषण के स्तर में कमी आती है तो फिर कृत्रिम बारिश क्यों नहीं करवाई गई? अब जब एनजीटी ने कहा है तो पानी का छिड़काव करवाया जा रहा है।
सम-विषम में डीटीसी व क्लस्टर बसों का सफर होगा मुफ्त
दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना पर एनजीटी ने मुहर लाग दी है और अब दिल्ली सरकार पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए राजधानी को इस फार्मूले पर दौड़ाने को तैयार है।
सार्वजनिक परिहवन व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने पांच दिवसीय सम-विषम के दौरान डीटीसी और क्लस्टर बसों में लोगों को मुफ्त यात्रा सुविधा देने का ऐलान किया है।
दिल्ली सरकार के परिहवन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सम-विषम के दौरान लोगों को ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करने को प्रोत्साहन देने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में यात्रियों को फ्री यात्रा करने की अनुमति दी है। गहलोत के ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार का यह फैसला लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करेगा।
32-35 लाख से ज्यादा मुसाफिरों को होगा फायदा
दिल्ली सरकार के मुफ्त सफर कराने के ऐलान का सीधा फायदा बसों से चलने वाले दिल्ली-एनसीआर के 32-35 लाख से ज्यादा मुसाफिरों को होगा। 13 से 17 नवंबर के बीच वे बसों से फ्री में सफर कर सकेंगे। दिल्ली सरकार का मानना है कि बसों में यात्रा मुफ्त करने से बसों से रोजाना सफर करने वाले मुसाफिरों की संख्या में इजाफा भी संभव है।
इसके लिए करीब 500 अतिरिक्त बसों का इंतजाम भी किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इससे मेट्रो में भी ज्यादा भीड़ नहीं बढ़ेगी। इसके अलावा लोगों को अपना वाहन छोड़ने पर भी एतराज नहीं होगा। इस दौरान फ्रीक्वेंसी सही रहने पर बहुत से यात्री निजी वाहन छोड़ने को प्रेरित होंगे। इसका दीर्घकालिक फायदा भी मिलेगा।
डीटीसी को होगा 10 करोड़ का नुकसान
दिल्ली सरकार की मुफ्त सफर कराने की योजना में डीटीसी को करीब दस करोड़ रुपये का नुकसान होगा। असल में डीटीसी में रोजाना 32-35 लाख मुसाफिर सफर करते हैं। इससे महीने में औसतन 60 करोड़ रुपये की आय डीटीसी को होती है। इस हिसाब से पांच दिनों में करीब दस करोड़ रुपये का नुकसान डीटीसी को उठाना पड़ेगा।
क्लस्टर को मिलाकर डीटीसी का छह हजार का बेड़ा
फिलहाल डीटीसी व क्लस्टर को मिलाकर दिल्ली में करीब 5500 बसें चल रही हैं। इसमें डीटीसी बसों की संख्या 3944 व क्लस्टर बसों की संख्या 1639 है। इससे रोजाना 32-35 लाख मुसाफिर रोजाना सफर करते हैं। ऑड ईवन के दौरान डीटीसी 500 अतिरिक्त बसों को किराये पर लेगी। वहीं, लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 100 बसें डीएमआरसी को लानी होंगी। दिल्ली सरकार का कहना है कि जरूरत के हिसाब से इंतजाम को बढ़ाया जा सकता है।