Published On : Tue, Mar 21st, 2017

जरूरत है नैसर्गिक ऊर्जा श्रोतों का उपयोग बढ़ाने की : एन रामबाबू

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नागपुर:
भारत में तकरीबन 18 प्रतिशत वन क्षेत्र है जिसमें से महाराष्ट्र राज्य के पास अकेले 55 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। सरकारी की विविध योजना और प्रशासन की ओर से आयोजित जतन संवर्धन के लिए प्रत्येक व्यक्ति को वन का महत्व समझाने के लिए हर साल विश्व वन दिवस मनाया जाता है। महाराष्ट्र में राज्य के लिए 33 प्रतिशत वन क्षेत्र बढ़ाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। इसलिए समाज के भीतर नैसर्गिक स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त की नितांत जरूरत है। यह बात प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एन. रामबाबू ने अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर डॉ. आंबेडकर महाविद्यालय में वन विभाग और महाविद्यालय प्रशासन की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहे।

मंगलवार को वन विभाग की ओर ओर से विश्व वन दिवस के मौके पर कई उपक्रम चलाए गए जिसमें सुबह महाराजबाग चौक से विद्यार्थियों की साइकल रैली का समावेश था। इसमें तकरीबन 500 विद्यार्थियों ने सहभाग लिया। रैली का उद्घाटन उपवंसंरक्षक जी. मल्लिकार्जुन के हाथों किया गया। रैली को हरी झंडी सामाजिक वनीकरण विभाग के उपसंचालक किशोर मिश्रीकोटकर ने दिखाई।

नागपुर नेचर क्लब की ओर से करीब 50 विद्यार्थियों ने शहर के विभिन्न स्थलों पर पथनाट्य कर वन संवर्धन और संरक्षण का संदेश पहुंचाया। जीरो माइल स्थित कार्यालय में वन विभाग के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। साथ ही आंबेडकर महाविद्यालय में वाद विवाद स्पर्धा व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।