Published On : Wed, Nov 19th, 2014

चंद्रपुर : औषधियों के लिए स्वावलंबी होने की आवश्यकता

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खाद व रसायन केंद्रीय राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा

सरकारी कंपनियों को मिलेगी पुनर्जीवन

Hansraj Ahir Meet the pres
चंद्रपुर।
भारत में पहले अनेक दवाइयों का उत्पादन भारत सरकार की कंपनियों द्वारा की जाती थीं, परन्तु बाद में जैसे-जैसे देश की जनसंख्या बढ़ती गई देश में गरीबी देख तत्कालीन सरकार उन दवा कंपनियों के प्रति उदासीन होती गई. परिणामस्वरूप विदेशी कम्पनियाँ उन पर भरी पड़ती गई. सरकार स्वयं कंपनियों को बंद कर दी. उस लिए दवाइयों की कीमतों पर नियंत्रण नहीं कर पायी. कांग्रेस ने उस विषय को गम्भीरतापूर्वक  नहीं ली. इसलिए अब औषधियों के लिए स्वावलम्बी होने की आवश्यकता है. सभी दवाइयों का उत्पादन देश में होनी चाहिए. उक्त आह्वानात्मक सन्देश खाद व रसायन केंद्रीय राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने दिया। वे चंद्रपुर-गड़चिरोली श्रमिक पत्रकार संघ की और से आयोजित ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में बोल रहे थे. अवसर पर पत्रकार संघ के अध्यक्ष गोपाल मांडवकर, सचिव मंगेश खाटिक प्रमुखता से उपस्थित थे.

उन्होंने आगे कहा कि 1954 में प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की पुण्य से हिंदुस्तान एंटीबायोटिक दवा कम्पनी शुरू की.  वह कम्पनी अब बंद हो चुकी है. इतना ही नहीं नागपुर की भी महाराष्ट्र एंटीबायोटिक कम्पनी बाद में बंद हो गई. यदि आज यह कंपनी शुरू रहती अनेक असाध्य रोग  दवाएँ बनिए जा सकती थी. परन्तु दुर्भाग्य से ऐसा  नहीं हुआ. कर्णाटक की कर्णाटक एंटीबायोटिक कम्पनी नागपुर में कंपनी शुरू करने की तैयारी की थी. उस कम्पनी को पूर्ववत शुरू करने की मंशा  मंत्रालय लिए देश में आवश्यकतानुसार कारखानों को बढ़ाना चाहिए. चंद्रपुर लोकसभा मतदान संघ से गैस पाइप लाइन बिछे होने से उसका उपयोग यूरिया खाद निर्माण के लिए उपयोग हो. उक्त कारखाने को स्थापित करने से किसानों को उससे काफी लाभ होगा. वहीं रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. इस उद्योग से प्रदूषण होने से भी अत्याधुनिक तकनीक से प्रदूषण कम की जा सकती है.

प्रस्ताविक मंगेश खटीक, संचालन आशीष अम्बदे व आभार जीतेन्द्र मशरकार ने माना.