Published On : Thu, Oct 6th, 2016

संविधान में सुधार करना संसदीय संस्थाओ का काम, सुप्रीम कोर्ट की दिलचस्पी बीसीसीसीआई के लिए फायदेमंद

Advertisement

नागपुर: सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को बीसीसीआई को सख्त लहजे में जस्टिस लोढा कमिटी की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने की चेतावनी भी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई इस टिपण्णी पर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने कहाँ है कि निजी संस्था के संविधान में बदलाव का फैसला उसके सदस्य ही कर सकते है। बीसीसीसीआई की जनरल बॉडी मीटिंग में लोढा समिति की सिफारिशों पर चर्चा की गई। जिसमे कई सिफारिशों को माना गया, कई सिफारिशो पर सदस्यो ने अपनी मुश्किल बया की और कुछ सिफारिशों को चुनौतीपूर्ण माना। संविधान में परिवर्तन कैसे हो सकता है एनुअल जनरल मीटिग बुलाकर प्रस्ताव पारित करना होगा।

मीटिंग में सदस्यो ने अपनी बात रखी अब सुप्रीम कोर्ट ही तय करे की सदस्यो को अपनी बात रखने का अधिकार है या नहीं। कानून बनाना ,कानून में सुधार करना संसदीय संस्थाओं के अधीन आता है। सुप्रीम कोर्ट हमें सुधारने में लगा है जबकि देश की अदालतों में कई मामले लंबित चल रहे है कोर्ट बीसीसीसीआई पर ध्यान दे रही है यह हमारे लिए अच्छी बात है। खेल से जुडी संस्थाओ में खिलाड़ियो की भूमिका के सवाल अदालत द्वारा खड़े किये गए सवाल पर पवार ने कहाँ कि देश में जीतनी भी खेल संस्थाए है आमतौर पर उसका मैनेजमेंट करने वाले लोग अलग होते है। ऐसा नहीं है की खिलाडी संस्था चला सकते है खेलो में दिलचस्पी लेने वाले लोग भी बेहतर ढंग से संचालन करते है। ऐसा देखा गया है जिन खिलाड़ियों ने खेल संस्थाओ की जिम्मेदारी संभाली वो खुद ही जिम्मेदारी से जल्द ही अलग हो गए।

Today’s Rate
Saturday 05 Oct. 2024
Gold 24 KT 76,100/-
Gold 22 KT 70,800/-
Silver / Kg 93,500/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

Advertisement