कोराडी।प्रसिद्ध स्थानीय श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान श्री क्षेत्र कोराडी मे अश्विन नवरात्रि महोत्सव वैदिक अनुष्ठानों के साथ समापन हुआ। मुख्य यजमान के रुप मे संस्थान के अध्यक्ष व पूर्व पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले सपत्नीक अष्टमी को हवन पूजन मे हिस्सा लिया। इसी प्रकार उपाध्यक्ष नंदबाबा बजाज,सचिव दत्तूजी समरितकर,सह सचिव प्रभुताई निमोने, कोषाध्यक्ष सौ सुशीलाताई मंत्री,संचालक ट्रस्टीगणों मे स्वामी निर्मलानंद, अधि मुकेश शर्मा,अजयबाबू बिजयवर्गी,प्रेमपाल पटेल,अशोक खानोरकर,केशवराव फूलझेले, बाबूराव भोयर,श्रीमती नंदिनी त्रिपाठी,लक्ष्मीकांत तड़सकर,अधि डी जी चप्पे-चप्पे एवं पुजारी फूलझेले परिवार,कोराडी पंचायत,महादुला नगर पंचायत तथा संस्थान कर्मियों इत्यादि ने महोत्सव के सफलतार्थ अथक प्रयास किया।
यहां नवरात्रि महोत्सव मे 725 मनोकामना अखंड ज्योति स्थापित किये गये थे।मेला मे जबरदस्त पुलिस बन्दोबस्त रहा। कतारबद्ध लाखों श्रदालुओं ने श्रीमाता महालक्ष्मी देवी के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त किया।मेला मे कोई अप्रिय घटनाएं नही हूई।उल्लेखनीय है कि मेले मे श्रदालुओं की अपार भीड रहने के बावजूद भी यहाँ वैश्विक महामारी कोरोना का कोई असर नही पडा।निर्भीक होकर श्रदालुओं ने नवरात्रि मेला मे सामाजिक दूरियां तथा मास्क पहनकर आगमन और प्रस्थान किया।
प्राकृतिक एवं दैविक प्रकोप का खतरा
संस्थान की तरफ से महत्वपूर्ण एवं गंभीर विषयों पर ध्यान मे न रखते हुए यहां पर सूचना फलक नही लगाने के कारण यहां नवरात्रि महोत्सव मे दर्शनार्थ मासिकधर्म तथा सूतक-पातक व्याधियों से ग्रसित महिलाओं तथा पुरुषों ने प्रवेश किया।जोकि वैदिक सनातन संस्कृति मे वर्जित माना गया है।जिसका पालन करना अनिवार्य होता है।हालांकि यह गोष्टी कोई अंधश्रद्धा नही अपितु यह मेडीकल साईंस और प्रकृति विज्ञान का विषय है जिसे सारा संसार मानता है।