Published On : Fri, Sep 27th, 2019

Narendra nagar Under Bridge : प्रशासनिक लापरवाही की सजा भुगत रही जनता

Advertisement

नागपुर: नरेंद्रनगर अंडर ब्रिज पर हर दिन वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नये ब्रिज के कंस्ट्रक्शन में ही खामियां होने से बारिश होते ही पानी भर जाता है. पानी की निकासी की योग्य व्यवस्था नहीं होने से एक साइट को बंद कर दिया जाता है. इस हालत में एक ही पुल से दोनों ओर का ट्राफिक कर दिया जाता है. शाम और सुबह के वक्त वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है. इस मार्ग से आना-जाना करने वाले अब तंग आ गये हैं. प्रशासनिक व्यवस्था को कोसते हुए हर दिन गुजरते हैं.

लगातार बढ़ती दुर्घटनाओं के बाद नरेंद्रनगर में एक साइट से अंडर ब्रिज बनाया गया, हालांकि इस ब्रिज के बनने से ट्राफिक व्यवस्था में सुधार आया है, लेकिन बारिश के दिनों में यह ब्रिज किसी मुसीबत से कम नहीं होता है. बारिश होते ही ब्रिज में पानी भर जाता है. यदि तेज बारिश हो तो फिर कई बार वाहन भी फंस जाते हैं. दरअसल ब्रिज के निर्माण में ही खामियां होने की वजह से इसमें पानी भर जाता है. इतने वर्षों में संबंधित विभाग खामियों को दूर नहीं कर पाया है. यही वजह है कि बारिश के दिनों में वाहन चालकों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है.

Gold Rate
15 july 2025
Gold 24 KT 98,200 /-
Gold 22 KT 91,300 /-
Silver/Kg 1,12,500/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

– हर दिन जाम
गुरुवार की शाम को ब्रिज पर लंबा जाम लगा रहा. ब्रिज से पहले मंदिर के पास छोटा चौक है. यहां हर दिन लंबा जाम लग रहा है. यातायात पुलिस भी नजर नहीं आती. वाहन चालक पहले निकलने के चक्कर में अपने-अपने वाहन फंसा देते हैं. इस हालत में कोई भी वाहन न निकल सके, ऐसी स्थिति बन जाती है. इस मार्ग से आने-जाने वाले अब रोज-रोज के जाम से तंग आ गये हैं. पुराने पुल से दोनों ओर का ट्राफिक होने से वाहनों की गति धीमी हो जाती है. वैसे भी पुल छोटा है. यदि कोई भारी वाहन आ जाये तो फिर स्थिति बिगड़ जाती है.

– हादसे का इंतजार
इतने वर्षों से बारिश के दिनों में परेशानी होने के बाद भी प्रशासन द्वारा सुधार नहीं किया गया है. सिटी में चारों ओर विकास कार्य किये जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया. लोगों को मुसीबत से निपटने के लिए छोड़ दिया गया है. ऐसा लगता है कि प्रशासन किसी हादसे का इंतजार कर रहा है. इसके बाद ही कोई हल निकाला जाएगा.

Advertisement
Advertisement