Published On : Sat, Dec 31st, 2016

ज़िन्दगी और मौत की लड़ाई लड़ रही अंजुम कौसर ने मारने से 4 घंटे पहले बनाया अपना आधार कार्ड

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नागपुर:
भालदारपूरा, नागपुर की रहने वाली युवती पिछले 20 सालों से गंभीर बीमारियों से जूझ रही थी। अनेक मर्तबा आधार कार्ड बनाने की नाकाम कोशिश के बाद उसकी हसरत पूरी तो हुई मगर सांसों ने साथ छोड़ दिया। आज की तारिख में आधार कार्ड का इतना महत्व है कि ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी भोजन की रसोई में सिलिंडर के लिए तो आधार ज़रूरी ही है मारने के बाद भी कब्रिस्तान या मोक्ष धाम में भी अंतिम क्रिया के लिए मय्यत के साथ मृतक के आधार कार्ड मंगवाए जाते हैं।

अंजुम कौसर के लिए आधार कार्ड बनाने आगे आए सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाग 19 के कांग्रेस की टिकट के प्रबल दावेदार इरफ़ान क़ाज़ी। श्री क़ाज़ी भालदार पूरा क्षेत्र में विगत 24 दिसंबर से विभिन्न क्षेत्रों में आधार कार्ड शिबिर चला रहे हैं। जब उन्हें अंजुम कौसर की अंतिम इच्छा के बारे में पता चला तो आज 30 दिसंबर शाम 7 बजे वह उसके परिवार के अनुरोध पर आधार कार्ड बनाने की मशीन, लैपटॉप और फिंगर प्रिंट स्कैनर लेकर उसके घर पहुंच गए व आई. एम. इंटरप्राइजेज की मदद से बिस्तर पर ही अंजुम कौसर का आधार बनाया। अंजुम का रात 11 बजे देहांत होगया।