नागपुर : नागपुर यूनिवर्सिटी के रविनगर स्थित हॉस्टल में चार महीने पहले विद्यार्थियों को फ्री में इंटरनेट वाईफाई उपलब्ध किया गया था. लेकिन 4 महीने बीतने पर भी यह वाईफाई शुरू नहीं हो पाया था. कुछ दिन पहले ही इसे शुरू किया गया है, लेकिन वाईफाई नियमों को लेकर इन दिनों हॉस्टल के विद्यार्थी काफी परेशान हैं. हॉस्टल के विद्यार्थियों का कहना है कि अभी कुछ दिन पहले ही इसे शुरू किया गया है, लेकिन रोजाना केवल 20 एमबी ही इंटरनेट दिया जाता है. वह भी यह ऑफर सभी सिमधारकों के लिए नहीं है.
विद्यार्थियों का कहना है कि उन्हें शिक्षा से सम्बंधित जानकारी के लिए इंटरनेट की जरूरत होती है, जिसके कारण ही वाईफाई सेवा उपलब्ध कराने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन से मांग की गई थी. लेकिन केवल 20 एमबी इंटरनेट देने की वजह से वे शिक्षा से संबंधित जानकारी भी नहीं ले पाते हैं. ऐसे में ज्यादातर विद्यार्थी वाइफाइ को उपयोग करने के बजाय बाहर के नेटकॉफे में पैसे देकर नेट यूज करने पर विवश हैं. साथ ही अधिकांश विद्यार्थियों के पास एंड्रॉइड फ़ोन होने की वजह से ऐसे विद्यार्थी यहां का वाईफाई का उपयोग न करते हुए खुद नेट बैलेंस के लिए रिचार्ज करते हैं. हॉस्टल में लगाए गए वाईफाई विद्यार्थियों के लिए कोई काम का नजर नहीं आता. जिसके कारण विद्यार्थी काफी परेशान हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि इतना कम नेट देने से अच्छा होता कि हॉस्टल में वाईफाई ही नहीं शुरू किया जाता तो अच्छा होता.
इस बारे में नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. सिध्दार्थविनायक काणे ने कहा कि हॉस्टल में वाईफाई शुरू हो चुका है. जिन विद्यार्थियों के मोबाइल में रिलायंस जिओ का सिमकार्ड है, उन्हें रोजाना 1 जीबी इंटरनेट मिल रहा है और जिनके मोबाइल में दूसरी कंपनी का सिमकार्ड है, उन्हें 20 एमबी इंटरनेट का ही लाभ मिलेगा.