Published On : Fri, Jul 28th, 2017

स्मार्ट सिटी में तैयार होगी इंटेलिजेंट लाइटिंग सिस्टम

Intelligent Light System

Representational Pic


नागपुर:
स्मार्ट सिटी में अब हर चीज स्मार्ट रूप लेती जा रही हैं। फिर चाहे वह मेट्रो का तेजी के साथ हो रहा कम हो या फिर हर चौक में लगते सीसीटीवी कैमरे। इसी तरह की एक स्मार्ट एनर्जी सेविंग सिस्टम की ओर उपराजधानी बढ़ रही हैं। सारी चीजें अगर व्यवस्थित रहीं तो साल भर के भीतर शहर इंटेलिजेंट एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम की ओर बढ़ रहा है। सड़क को रोशन करनेवाली स्ट्रीट लाइटों को अब इंटेलिजेंट एलईडी लाइटिंग सिस्टम में बदलने का क्रम शुरू किया जानेवाला है। यह इंटेलिजेंट स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम ट्राफिक के भार के मुताबिक लाइटिंग अपने आप ही नियंत्रित करने में सक्षम रहेगा। इस बचत से करीब 150 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

शहर में फिलहाल पीली रोशनी देनेवाली पुराने पद्धति की स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं। ये पुरानी स्ट्रीट लाइटें प्रति लाइट प्रतिदिन 16.6 मेगा वॉट बिजली की खपत करती हैं। यह बहुत ज्यादा बिजली की खपत है। जो खस्ताहाल मनपा के लिए बहुत महंगा साबित हो रही है। साथ ही ग्रीन एनर्जी बचाने में भी असक्षम है। बिजली की इस बेफिजूली को खत्म करने के लिए इंटेलिजेंट लाइटें लगाने का क्रम शुरू किया गया है। मनपा से जुड़े अधिकारिक सूत्रों की माने तो इसके तहत 1.30 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइटें शहर में लगाए जाने का लक्ष्य है। जिसके लिए हर महीने करीब 13 हजार लाइटें बदलने का लक्ष्य साधा जा रहा है। फिलहाल शहर में 2 हजार एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं। पारंपरिक स्ट्रीट लाइट 16.6 मेगावॉट बिजली की खपत होती है जो इंटेलिजेंट एलईडी लाइटिंग सिस्टम में करीब 10 मेगावॉट खपत घटकर 6.6 मेगावॉट पर जा पहुंचेगी। इससे शहर की सड़कों को रोशन करने के लिए लगनेवाली बिजली में करीब एक तिहाई की कमी आएगी।

इंटेलिजेंट लाइट याने क्या
इंटेलिजेंट एलईडी लाइट केवल नाम की नहीं बल्कि काम भी इंटेलिजेंटली काम करती हैं। पुरानी लाइटें एक सरीखी रोशनी देती हैं फिर चाहे सड़क पर यातायात हो या ना हो। आम तौर पर सूर्य के ढलने के बाद अधिकम रात बारह बजे तक यातायात रहता है। इसके बाद करीब 6 घंटे सड़कें खाली रहती है फिर भी पुरानी लाइटें उतनी ही रोशनी के साथ जलती रहती हैं जितनी पहले। लेकिन इंटेलिजेंट लाइटें में सड़क पर यातायात के शिड्यूल के हिसाब से टाइमिंग सेट रहेगा। जो मध्य रात्री के बाद अपने आप धीमी रोशनी में तब्दील होकर बिजली की तेजी से बचत करेगी। इस व्यवस्था से ग्रीन एनर्जी बचाने का लक्ष्य मनपा पहले के मुकाबले और सक्षमता से बचाने में सफल होगी।ममम

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