Published On : Fri, Jan 4th, 2019

कहां जाएंगे शहर के खिलाड़ी जब खेल मैदानों पर गड़ी आयोजकों की नजर

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रेशिमबाग समेत अन्य खेल मैदान पर आयोजकों का अघोषित अतिक्रमण, खिलाड़ी नहीं कर पा रहे प्रैक्टिस

नागपुर: रेशिमबाग मैदान के सभी हिस्सों पर पिछले ३ दशक से खिलाड़ी सुबह-शाम अभ्यास कर रहे हैं. इस मैदान की मिटटी पर अभ्यास कर सैकड़ों खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पैठ बनाई है. दूसरी ओर पिछले कुछ वर्षों से इस मैदान पर सामाजिक,सांस्कृतिक आयोजनों का तांता लगा रहने से खिलाड़ियों की खेल प्रैक्टिस बीते कई महीनों से गड़बड़ाई हुई है, जिसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है.

हाल ही में रेशिमबाग मैदान पर एक निजी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यह कार्यक्रम सप्ताह भर चला, इसके लिए आयोजन के १० दिन पहले और आयोजन खत्म होने के बाद अभी तक उनका सामान पड़ा होने से खिलाड़ियों की प्रैक्टिस में बाधाएँ आ रही हैं. यहाँ तक की साफ़-सफाई भी नहीं की गई है. खिलाड़ियों ने इसके लिए आयोजन मंडल व मनपा प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. उक्त आयोजन से खिलाड़ियों का ३ सप्ताह का अभ्यास बंद रहा. अब आलम यह है कि मनपा-आयोजकों की उदासीनता के कारण खिलाड़ी-प्रशिक्षकों ने खुद परिसर को साफ करने का मजबूर क़दम उठाया है.

सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता, अब जल्द ही इस मैदान में महिला चिकित्सकों का सम्मलेन व भगवत सप्ताह का आयोजन होने जा रहा. इस मैदान के लिए मराठी नाट्य परिषद् के आयोजक भी जद्दोजहद कर रहे हैं. इनसे मैदान पर होने वाले अस्थाई निर्माणकार्य,अतिक्रमण से फिर खिलाड़ियों के रोज के अभ्यास में बाधा पहुंचने वाली है. सम्पूर्ण मैदान ३ हिस्सों में हैं. अन्य दो हिस्सों में खिलाड़ी वर्ग अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं.

शहर के पश्चिम नागपुर में नागपुर विश्वविद्यालय के मैदान पर खासदार क्रीड़ा महोत्सव की तैयारी शुरू है. मानकापुर इंडोर स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक की मरम्मत शुरू है. ऐसे में रेशिमबाग मैदान ही खिलाड़ियों के लिए अंतिम पर्याय बचा है. जिससे इस मैदान पर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के प्रैक्टिस करने की तादाद बढ़ते जा रही है.

लेकिन आयोजकों की नजर इस मैदान पर भी गड़ी हुई है. यहां भी नियमित होने वाले कार्यक्रमों के कारण खिलाड़ियों को बाधा पहुंच रही है. २० जनवरी से राष्ट्रीय क्रॉसकन्ट्री स्पर्धा और ९ से १८ जनवरी खेलो इंडिया क्रीड़ा महोत्सव में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को तैयारी के लिए रेशिमबाग मैदान का ही पर्याय बचा है.

उल्लेखनीय यह है कि एक तरफ नागपुर के सांसद खिलाड़ियों के सुख-सुविधा के लिए विभिन्न उपाययोजना करने में लीन हैं तो दूसरी ओर प्रशासन खेल मैदान में सांस्कृतिक कार्य्रक्रमों के आयोजनों को तवज्जों देकर खिलाड़ियों को बाधा पहुँचाने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है