Published On : Wed, Dec 29th, 2021

New Year Celebration: सिर्फ नागपुर के साथ अन्याय नागपुर छोड़ पूरे राज्य में 12 तक की अनुमति

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नागपुर. कोरोना काल में कई बार देखने में आया है कि नागपुर के साथ भरपूर अन्याय हुआ है. खासकर व्यापार करने वाले कुछ वर्गों पर सितम ढाने का प्रयास किया गया है. अधिकारी अपना-अपना आदेश निकालकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं लेकिन उस क्षेत्र के कारोबारी गर्त में चले जाते हैं.

इस बार भी मामला कुछ ऐेसा ही है. जिलाधिकारी का आदेश कुछ और कह रहा है, जबकि मनपा आयुक्त का आदेश कुछ और बता रहा है. परेशान हाल पूरा व्यापारी वर्ग हो रहा है. खास बात यह है कि जिन चीजों पर रात 9 बजे के बाद नागपुर जिले में पाबंदी लगाई गई है, वही सारी चीजें विदर्भ सहित संपूर्ण राज्य में रात 12 से लेकर 1.30 बजे तक चालू हैं.

राज्य सरकार एक आदेश जारी करती है लेकिन हर जिले में बैठे जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त उसे अपने-अपने तरीके से लागू करने दौड़ पड़ पड़ते हैं. एक राज्य में एक प्रकार का नियम तक लागू नहीं हो पाता. इससे व्यापार की ही बलि चढ़ती है.

मनपा आयुक्त की उदारता
इस बार भी मनपा आयुक्त ने उदारता दिखाई है. उनके आदेश के अनुसार सिटी लिमिट के अंदर होटल, रेस्टोरेंट और सिनेमागृह रात 12 बजे तक चल सकते हैं लेकिन बार नहीं चल सकते हैं क्योंकि इन्हें जिलाधिकारी का आदेश लेना होता है. इसलिए सिटी के अंदर बार लाइसेंस रखने वालों को रात 9 बजे शटर बंद करना होगा.

सिटी छोड़े, जिले में संपूर्ण बंद
सिटी लिमिट छोड़ जिले की तमाम दूकानों को रात 9 बजे बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं. यानी सिटी लिमिट के बाहर न तो रेस्टोरेंट चलेंगे और न ही होटलों का संचालन होगा. इन आदेशों से व्यापारी समुदाय काफी परेशानी महसूस कर रहा है.

विदर्भ, मुंबई सब खुला
नागपुर से हटकर अगर विदर्भ की बात करें तो सभी जिलों में बार, रेस्टोरेंट और होटल रात 12 बजे तक चालू हैं. कमोबेश यही स्थिति ठाणे, विरार, बीएमसी और पुणे की भी है. वहां के अधिकारियों ने रात 12 बजे और कुछ क्षेत्र में रात 1.30 बजे तक दूकानें, रेस्टोरेंट, होटल और बार चालू रखने की अनुमति दे रखी है. अमरावती, गोंदिया, भंडारा आदि जिलों में भी स्थिति सामान्य है.