नागपुर : भांडेवाड़ी के एनिमल शेल्टर में कुछ महीने पहले श्वानों की नसबंदी का अभियान शुरू किया गया था. मार्च अप्रैल महीने के आस पास इसके अंतर्गत श्वानों की नसबंदी शुरू की गई थी. कुछ दिनों के बाद विवादों के कारण इसे बंद कर दिया गया. कुछ महीने पहले इसे फिर से शुरू किया गया. अब तक शहर के विभिन्न जगहों के करीब 500 श्वानों की नसबंदी की जा चुकी है.
बारिश के कारण टांके गीले रहते हैं, जिसके कारण फिलहाल रोजाना एक या दो श्वानों की ही नसबंदी की जा रही है. साथ ही इसके भांडेवाड़ी के साथ ही अब दक्षिण नागपुर में भी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनाया गया है. एक महीने में उसको भी शुरू किया जाएगा और रोजाना उसमें भी श्वानों की नसबंदी की जाएगी. दोनों एबीसी केन्द्रों में 40 श्वानों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है.
शहर में बढ़ती श्वानों की संख्या के कारण नागरिकों के साथ कई दुर्घटनाएं तो हो ही रही हैं साथ ही इसके सड़कों पर छोटे छोटे श्वानों के बच्चों की भी मौत हो रही है. इन श्वानों के बच्चों को मौत से बचाने और इनकी जनसंख्या रोकने का एकमात्र उपाय नसबंदी ही है. जिसको बड़े पैमाने पर जारी रखने की जरूरत है.
इस बारे में मनपा के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले ने जानकारी देते हुए बताया कि बरसात में दिन में एक या दो ही नसबंदी की जा रही है. दूसरे सेंटर की शुरुआत दक्षिण नागपुर में की जाएगी. एक महीने में वह सेंटर शुरू हो जाएगा. अभी श्वानों को लाने के लिए दो डॉग कैचर वैन है. दूसरा एबीसी सेंटर बनने के बाद श्वानों की नसबंदी की क्षमता भी बढ़ेगी.