Published On : Wed, Jan 16th, 2019

घर उठा कर तो देखो……… समस्या से महरूम हो जाओंगे

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नागपुर: पुरानी कहावत हैं घर बनने के बाद देखें और शादी देख के करें।इसमें समय के साथ बदलाव आया हैं.घर देख के बनाएं के बदले घर उठा कर देखने का समय आ गया हैं.कामठी मार्ग पर टेका नाका परिसर में हरपालसिंग मेहता ने अपने घर को ‘जैक’ के सहारे उठाकर घर की ऊंचाई बढ़ाने का काम शुरू किया हैं.नागपुर जिले में पहला प्रयोग होने से इसे देखने के लिए रोजाना काफी भीड़ जमा हो रही हैं.

याद रहे की शहर का जिस अंदाज में विकास हो रहा हैं,इससे सड़क की ऊंचाई बढ़ रही और घर खड्डे में दिख रहा.ऐसे में बरसात के दिनों में खासकर घरों में पानी जमा होने से तरह-तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही.इससे बचाव के लिए प्रशासन सह किसी के पास उपाययोजना न होने से प्रभावित संकट में आ गए हैं,दूसरी ओर टेकानाका स्थित बाबा बुड्ढाजी नगर निवासी व ट्रांसपोर्टर व्यवसायी हरपालसिंग मेहता ने नया पर्याय ढुंढ निकाला।साथ ही सड़क ऊंची होने से घरों में पानी घुसने से परेशान नागरिकों के लिए नई राह सुझाई हैं.

खासकर शहर में पिछले कुछ वर्षों से सीमेंट सड़क निर्माण होने से सड़क किनारे घर खड्डे में नज़र आने लगे.पिछले ४ वर्षों से घर में प्रत्येक वर्ष पानी जमा होने से परेशान हो चुके मेहता त्रस्त हो चुके थे.वे इतना परेशान हो चुके थे कि वर्ष १९९३ में निर्मित घर को ढहा कर नए घर निर्माण पर विचार कर रहे थे.तभी उन्हें घर न ढहाए बिना घर की ऊंचाई बढ़ाने के उपक्रम की जानकारी मिली।

उन्होंने अपने पुत्र इंद्रजीत के साथ ‘यु ट्यूब’ में खोजबीन कर बिल्डिंग लिफ्टिंग के काम को देख,उनके ठेकेदार से संपर्क किया। हरियाणा के सिंह बिल्डिंग लिफ्टिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी उक्त कार्य को अंजाम देती हैं.उनसे संपर्क कर खर्च सह जोखिम की चर्चा विस्तार से की.जब सभी पहलु सकारात्मक होने का अहसास हुआ तब उन्हें काम सौंपा गया.

कंपनी के विकासकुमार ने बताया कि कंपनी के बिहार राज्य के सहरसा जिला से ताल्लुक रखने वाले कर्मचारियों ने बिल्डिंग लिफ्टिंग का काम शुरू किया।इस काम को अंजाम देने के लिए बिहार के डेढ़ दर्जन तज्ञ मजदूरों की सहायता से अबतक डेढ़ फुट घर को ऊंचा उठाया जा चूका हैं.एक माह के भीतर फुट घर को उठाने का काम पूरा हो जाएगा।उक्त कार्य को २२० रूपए फुट के दर से करने हेतु करार किया गया हैं,और ज्यादा ऊंचाई उठाने के लिए प्रत्येक फुट के लिए ५० रूपए अतिरिक्त शुल्क वसूली जाती हैं.उक्त काम में कोई जोखिम नहीं,आसानी से एक जगह से उठाकर दूसरे जगह शिफ्ट किया जा सकता हैं.नागपुर में ही इस तरह का अनेक काम मिलने पर फ़िलहाल चर्चा शुरू हैं.

विकासकुमार के अनुसार मशीन के उपयोग से दिवार को जमीन से काटा जाता हैं.इसके बाद जैक लगाया जाता हैं.उसके बाद लोहे के एंगल के सहारे जैक से बिल्डिंग को उठाया जाता हैं.एक मजदुर के पास १० जैक की जिम्मेदारी होती हैं.कुल १६ मजदूरों द्वारा १६० जैक लगाया जाता हैं.ऊंचाई बढ़ाते वक़्त दीवारों में दरार न आये इसलिए खिड़कियों को ईंट से बंद किया जाता हैं.

मेहता ने जानकारी दी कि घर की ऊंचाई डेढ़ फुट बढ़ाने पर साढ़े ६ लाख रूपए का खर्च आया,और डेढ़ फुट ऊँचा करने के लिए इतना ही खर्च आएगा।