Published On : Fri, Nov 4th, 2016

केंद्र ने सराहा नागपुर का कचरा प्रबंधन, अन्य शहरों में होगा लागू

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नागपुर: नागपुर महानगरपालिका द्वारा की जा रही शहर की रोजाना साफ़-सफाई फिर भांडेवाड़ी में कचरा संकलन कर वहां की जा रही प्रक्रिया की एक “एनजीओ” ने डॉक्यूमेंट्री बनाई. इस डॉक्यूमेंट्री को दिल्ली में प्रस्तुति की. इस डॉक्यूमेंट्री से संतुष्ट होकर केंद्र सरकार को मौखिक निर्देश दिया कि नागपुर जैसी प्रक्रिया सभी महानागपालिकाओँ में अपने जाये।नागपुर में की जा रही प्रयास की सराहना केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने की.

ज्ञात हो कि करीबन ६-७ माह पहले स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक अलमित्रा पटेल की सहयोगी रागिनी जैन नागपुर आई थी.उन्होंने नागपुर स्थित भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड में जमा कचरे को गलाकर खाद बनाने सहित जमा कचरे से बदबू कम करने संबंधी नई तकनिकी का इस्तेमाल किया।वह ऐसे कि जैसे ही डंपिंग यार्ड में कचरा “डंप” करते है,फिर उसका विन्द्रोव्स (windrows) बनाते है. बाद इसमें एक विशेष प्रकार का तरल कैमिकल डाला जाता है, इससे कचरा बदबू भी नहीं देता है और जल्दी खाद में तब्दील होना शुरू हो जाता है.

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रागिनी जैन का प्रयोग सफल होते ही उन्होंने नागपुर शहर में घर-घर से रोजाना उठाये जाने वाला कचरा, फिर उसे संकलन कर भांडेवाड़ी तक लाये जाने फिर उसके बाद बदबू कम करने के साथ खाद बनाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया का डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई. इस फिल्म को दिल्ली स्थित न्यायलय में दिखाई गई, इससे प्रभावित होकर न्यायलय ने केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय को मौखिक निर्देश देकर देश के सभी महानगरपालिकाओं में उक्त प्रयोग अपनाने हेतु प्रत्यक्ष मुआयना करने का निर्देश दिया।जिसे केंद्रीय शहरी विकास विभाग ने सराहा.

फ़िलहाल मनपा में उक्त प्रयोग रागिनी जैन के मार्गदर्शन में जारी है, इसके लिए जैन ने मनपा भांडेवाड़ी में कार्यरत कर्मियों को प्रशिक्षित की. अब भी जैन समय-समय पर भांडेवाड़ी में की जा रही प्रयोग की वर्त्तमान स्थिति से अवगत होती रहती है और जरूरतानुसार सुझाव देती रहती है.

उल्लेखनीय यह है कि पिछले कुछ वर्षो में दर्जनों देशों के प्रतिनिधि नागपुर आकर भांडेवाड़ी का मुआयना किये. मुआयना के दौरान सभी देशों के प्रतिनिधि मंडलों ने कई उच्च स्तरीय सुझाव सह योजना से अवगत करवाई. लेकिन विडम्बना यह है कि आज तक किसी भी देश का कोई प्रस्ताव नहीं आया.

– राजीव रंजन कुशवाहा

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