कोंढाली (नागपुर)। नागपुर-अमरावती राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हरदोली पेपर मिल में भीषण आग लग गई. आग से गोदाम में रखे वेस्ट कागज़ तथा खड्डे जलकर खाक हो गए. यह घटना 23 मई के सुबह की है. आग से करीब 2.45 करोड़ के नुकसान का दावा पेपर मिल के संचालक ने किया है.
प्राप्त जानकरी के अनुसार कोंढाली से 4 किमी की दूरी पर स्थित हरदोली पेपर मिल में वेस्टेज कागज़ से क्राप कागज़ का निर्माण किया जाता है. क्राप कागज़ निर्माण के लिए विदेशों से तथा भारत के अनेक राज्यों से कच्चा माल लाया जाता है. शनिवार को मिल में 900 टन विदेशी तथा 400 तन देशी कागज़ का कच्चा माल गोदाम में रखा था. अचानक मिल के उत्तर दिशा में स्थित बॉयलर के पास से धुँआ नजर आया. मिल में काम कर रहे कुछ कर्मचारियों को कच्चा माल जलता हुआ दिखाई दिया. उस समय तेज हवा चल रही थी. देखते ही देखते आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया. आग में गोदाम में रखा 1300 टन कागज़ धूं-धूं कर जलने लगा.
इस घटना की जानकारी तुरंत काटोल तहसील तथा नागपुर के दमकल विभाग को दी गई. इस बीच आग ने पूरे गोदाम को अपने लपेटे में ले लिया. समीपस्थ सोलार बारूद कंपनी के तीन अग्निशमन वाहन तथा तीन जेसीबी, एटलांटा कंपनी दो टैंकर, नगर परिषद तथा नरखेड की एक-एक, नागपुर महानगर निगम के दो-दो अग्निशमन यंत्र के साथ तथा कोंढाली बालोपांडे कंस्ट्रक्शन के दो टैंकरों की मदद से इस भीषण आग पर शाम 5:00 बजे काबू पा लिया गया.
जंगल बचा
इस पेपर मिल से सटककर वन विभाग का जंगल उत्तर दिशा में है. आग भीषण थी. जहां तेज हवा का रूख उत्तर से दक्षिण की और था. जिससे जंगल में आग लगने से बच गई. अन्यथा यह अग्निकांड भयावह हो जाता.
2.45 करोड़ की हानि
हरदोली पेपर मिल में लगी भीषण आग में 1300 तन कागज की कीमत 2 करोड़ 10 लाख रूपये, 25 लाख रूपये का गोदाम तथा 10 लाख रूपये का केमिकल ऐसे कुल मिलकर 2 करोड़ 45 लाख का नुकसान होने की जानकारी पेपर मिल के व्यवस्थाकीय संचालक अनिल कुमार लखोटिया ने दी.
नागरिकों ने की मदद
मिल में आग लगने की खबर कोंढाली पुलिस को दी गई. खबर मिलते ही पुलिस घटनास्थल पहुंची तथा संबंधित विभागों को जानकारी दी. इस दौरान कोंढाली, दुधाला, हरदोली, रिंगनाबोड़ी के नागरिक घटनास्थल पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास करते रहे. जिसमें दुधाला के सरपंच किशोर रेवतकर, बबलू भूरे, राजू बूटे समेत आदि शामिल है.
बड़ी अनहोनी टली
भीषण गर्मी, तेज तपन तथा तेज हवा दक्षिण दिशा में बहती रही. इसमें कंपनी में कागज उत्पादन करने वाला कारखान बच गया. इस कारखाने में 70 कामगार काम कर रहे थे. जो बाल-बाल बच गए और बड़ी अनहोनी टल गई.