मोहनीश जबलपुरे की याचिका पर अदालत ने जारी किया नोटिस
नागपुर: विशेष आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पथसंचलन के दौरान लाठी के इस्तेमाल का लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नागपुर के महल निवासी मोहनीश जबलपुरे ने इस मामले को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दर्ज कराई है। इस याचिका पर अदालत ने संघ प्रमुख,संघ के व्यवस्था प्रमुख और कोतवाली थाने को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के आक्षेप पर रुख स्पस्ट करने को कहाँ है।
संघ द्वारा विशेष अवसरों पर पथसंचलन किया जाता है। जिसमे संघ के स्वयंसेवक गणवेश के साथ लाठी कंधे पर लेकर चलते है। मोहनीश का कहना है ऐसा नियम के विरुद्ध है। मोहनीश ने पथसंचलन के लिए पुलिस से दी गई इजाज़त की शर्तो की जानकारी आरटीआई के माध्यम से प्राप्त की।
पुलिस से मिले जवाब में पथसंचलन के लिए जो दिशानिर्देश दिए गए है उसमे लाठी के प्रदर्शन को नाकारा गया है। मोहनीश का कहना है कि सार्वजनिक तौर पर लाठियों का प्रदर्शन दहशत का माहौल तैयार करता है इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। 28 मई 2018 को संघ के बौद्धिक वर्ग में शामिल होने वाले प्रतिभागियों ने पथसंचलन किया था लगभग 700 लोगों ने इस दौरान कंधे पर लाठी रखकर प्रदर्शन किया।
मोहनीश जबलपुरे की याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राष्ट्रीय दस्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत,कार्यक्रम के व्यवस्था प्रमुख अनिल बोकरे और कोतवाली पुलिस से इस मामले पर अपना रुख स्पस्ट करने के लिए नोटिस जारी किया है। मोहनीश का दावा है की आर्म्स एक्ट के मुताबिक बिना लाठी के इस्तेमाल के पथसंचलन किया जा सकता है।