नागपुर : विधानसभा चुनावों को लेकर 24 को होने जा रही मतगणना के दिन शराब की दूकानों को बंद रखने के आदेश जिलाधिकारियों की ओर से जारी किए गए, जिसे चुनौती देते हुए महाराष्ट्र वाइन मर्चेन्ट एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया.
अलग-अलग दायर की गई 6 याचिकाओं पर मंगलवार को एक साथ सुनवाई के बाद न्यायाधीश अतुल चांदुरकर ने शाम 6 बजे के बाद दूकानों को खोलने की राहत प्रदान की. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. साहिल देवानी और राज्य सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील ए.वी. पलशीकर ने पैरवी की.
परिणामों के बाद बंद रखने का क्या औचित्य
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. देवानी ने कहा कि यवतमाल, बुलढाना, वाशिम, भंडारा, गोंदिया और अकोला के जिलाधिकारियों की ओर से महाराष्ट्र फारेन लीकर लाइसेंस नियम 1969 की धारा 9ए के तहत अधिकारों का वहन करते हुए 24 को पूरे दिन शराब की दूकानों को बंद रखने के आदेश जारी किए गए.
याचिकाकर्ताओं का मानना था कि शाम तक सभी परिणाम आने की संभावना है, जिससे परिणाम आने के बाद दूकानों को बंद रखने का कोई औचित्य दिखाई नहीं देता है. यहां तक कि इस तरह से दूकानों को बंद रखने से राज्य सरकार के राजस्व का ही नुकसान होता है. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.
