Published On : Fri, Aug 10th, 2018

मुन्ना यादव : सत्र न्यायालय से ले जमानत

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munna yadav

नागपुर: चूनाभट्टी के पास पटाखे फोड़ने को लेकर यादव परिवार के बीच हुए झगड़े में पुलिस द्वारा दोनों गुटों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद जिला सत्र न्यायालय और हाईकोर्ट की ओर से लगातार जमानत की अर्जी ठुकराए जाने के बाद भाजपा नेता एवं राज्य के कामगार कल्याण मंडल के अध्यक्ष ओमप्रकाश उर्फ मुन्ना यादव की ओर से अंतरिम जमानत के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया.

सुको की ओर से गत समय अंतरिम राहत तो प्रदान की गई, किंतु अब सत्र न्यायालय में चार्जशीट दायर होने के कारण जमानत के लिए जिला सत्र न्यायालय में अर्जी करने के आदेश न्या. कुरियन जोसेफ और न्यायाधीश संजय कौल की पीठ ने जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रहतोगी, अधि. मोहित खजांची, अधि. उदय डबले और अधि. सी.एस. धर्माधिकारी ने पैरवी की.

चार्जशीट के अनुसार नहीं बनता मामला
गत सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में अभियुक्त को बेवजह फंसाया गया है. एफआईआर के अनुसार दोनों पक्षों में पुराना राजनीतिक द्वेष होने का उल्लेख किया गया है. यहां तक कि कई बार इसे लेकर दोनों परिवारों के बीच विवाद हुए हैं.

इस मामले में पुलिस की ओर से जांच पूरी हो चुकी है. इसके अलावा निचली अदालत में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है. पुलिस को जांच के लिए जो भी चाहिए, याचिकाकर्ता से जब्त किया जा चुका है. चार्जशीट का हवाला देते हुए अदालत को बताया गया कि धारा 326 के अनुसार भी कोई मामला नहीं बनता है. चूंकि याचिकाकर्ता स्थानीय निवासी है, अत: मामले की सुनवाई के दौरान यहां से भागने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है.

गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं
गत सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता महाराष्ट्र श्रम बोर्ड का अध्यक्ष है. यहां तक कि पहले पार्षद रह चुका है. छवि खराब करने के उद्देश्य से केवल राजनीतिक तौर पर इस तरह की शिकायत दर्ज की गई है. यहां तक कि अब मामले की छानबीन के लिए याचिकाकर्ता के गिरफ्तारी की आवश्यकता भी नहीं है.

उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर की रात पटाखों को उड़ाने को लेकर मुन्ना यादव और मंगल यादव के गुट में जमकर मारपीट हुई, जिसमें पुलिस ने मुन्ना यादव, उनकी पत्नी पार्षद लक्ष्मी यादव, पुत्र करण और अर्जुन तथा उनके भाई जग्गू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया. इसी तरह मंगल यादव, पापा यादव, गब्बर यादव, सागर यादव, मंजूर यादव एवं अन्य साथियों के खिलाफ भी गैरकानूनी ढंग से लोगों को जमा कर मारपीट करने का मामला दर्ज किया.