Published On : Sat, Jul 21st, 2018

मानसून ने बचा ली प्रशासन की लाज

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नागपुर: नगर प्रशासन को मानसून का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसने उपराजधानी में वर्षाकालीन अधिवेशन के दौरान एक दिन जोरदार बरसकर उसकी तैयारी की पोल तो खोली लेकिन उसके बाद परेशान नहीं किया. वर्षाकालीन अधिवेशन के तीसरे दिन 6 जुलाई को शहर में हुई धुंआधार बारिश ने तो विधान भवन में भी बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी थी.

पूरे परिसर में निकासी व्यवस्था चोक होने के चलते पानी लबालब भर गया था और किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए परिसर की बिजली आपूर्ति बंद करने को मजबूर होना पड़ा था. बिजली बंद करने के चलते दोनों सदनों का कामकाज पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा था.

उसके बाद मानसून ने नगर प्रशासन पर कृपा बनाए रखा और वैसी बारिश नहीं हुई अन्यथा प्रशासन के लिए मुसीबत बढ़ जाती. मानसून ने पूरे वर्षकालीन अधिवेशन के दौरान एक तरह से प्रशासन की लाज रख ली.

अब भी सुधर जाएं अधिकारी
हर वर्ष बारिश पूर्व तैयारी का ढिंढोरा पीटने और लाखों रुपये जनता के फूंक डालने वाले अधिकारियों को अब भी सुधर जाना चाहिए. बारिश का मौसम अभी समाप्त नहीं हुआ है. आगामी दिनों में शहर में तेज बारिश के आसार हैं. कम से कम सिविल लाइन्स इलाके का जहां सारे सरकारी कार्यालय व वीवीआईपीज मूवमेंट होता है वहां के नालों, नालियों की सफाई तो ईमानदारी से कर ही लेनी चाहिए.

विधान भवन परिसर में जलजमाव के बाद जब विपक्षी पार्टी नेताओं ने शहर के सीएम व अन्य मंत्रियों को लेकर आरोपों के द्वारा जो तीखे कटाक्ष किये थे उससे तो अधिकारियों को सबक लेना ही चाहिए. सीएम के शहर में सत्र के दौरान बारिश पूर्व तैयारी की पोल एक बारिश ने खोलकर रख दी थी.

पूरी की पूरी सरकार शहर में थी. विधान भवन में संकट आने के बाद तुरंत दो दिनों में जल निकासी व अन्य सुरक्षा के त्वरित इंतजाम किये गये. कई वर्षों से मिट्टी से पट चुकी नालियों को खोजकर निकाला गया. ट्रेक्टर ट्रालियों से मिट्टी निकाली गई.

अब शहर में जुटे प्रशासन
वर्षाकालीन अधिवेशन के दौरान सरकार के सामने ही अपनी तैयारियों को पोल खुलवाकर नाक कटवाने वाले कर्णधार अब तो शहर में अपने काम पर ईमानदारी से जुट जाएं. शहरवासी भी सड़कों के गड्ढों, चोक नालियों, नालों, ओवरफ्लो सड़कों, कीचड़ आदि से त्रस्त हो चुके हैं.

शहर के नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए भी प्रशासन उसी मुस्तैदी से जुटे जिस मुस्तैदी से 6 जुलाई की बारिश की कहर के बाद विधान भवन परिसर में पूरी यंत्रणा लगा दी गई थी. यही शहरवासियों की नगर के कर्णधारों से अपेक्षा है.