Published On : Sun, Sep 3rd, 2017

मोदी मंत्रिमंडल विस्तार: ये हैं भारत सरकार में शामिल नए मंत्री

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार रविवार को हो गया। हफ्तों की बैठक और विचार विमर्श के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नए मंत्रियों का नाम तय किया था। इस सूची में एनडीए के सहयोगी जेडीयू और शिवसेना को शामिल नहीं किया गया है। खबरों के मुताबिक उन्हें बाद में मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि शिवसेना की नाराजगी की खबर है। शिवसेना ने शपथग्रहण के बहिष्कार का फैसला किया है।

कैबिनेट में यूपी-बिहार के 2-2 और केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान से एक-एक नए मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा 4 मंत्रियों को कैबिनेट रैंक में प्रमोशन मिला है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। कुल 13 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

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बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे (बिहार), पूर्व गृह सचिव और आरा से सांसद आरके सिंह, वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश), शिव प्रताप शुक्ल (उत्तर प्रदेश), मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह (उत्तर प्रदेश), अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक), कभी दिल्ली को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने वाले केरल काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अल्फोंस कन्नाथनम, 1974 के बैच के पूर्व आईएफएस अधिकारी हरदीप पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान) ने नए मंत्रियों के रूप में शपथ ली।

4P का फॉर्म्युला
नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करते हुए 4P फॉर्म्युले को आधार बनाया है। 4P मलतब है:-
P-पैशन (जुनून)
P-प्रफिशंसी (निपुणता)
P-प्रफेशनल एक्युमेन (व्यावसायिक कुशाग्रता)
P-पॉलिटिकल एक्युमेन (राजनीतिक कुशाग्रता)

प्रफेशनल बने पसंद
जिन लोगों ने आज मंत्री पद की शपथ ली उनमें से अधिकतर अपने प्रफेशन में निपुणता रखते हैं। इनमें 2 पूर्व आईएएस, 1 पूर्व आईपीएस, 1 पूर्व आईएफएस शामिल हैं। जिस तरह प्रफेशनल्स को टीम में जगह दी गई है उससे साफ लगता है कि अगले डेढ़ साल सरकार के लिए गवर्नेंस और जमीन तक काम पहुंचना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सूत्रों के अनुसार नए मंत्रालयों को अहम मंत्रालयों में रणनीतिक रूप से लाया जा रहा है खासकर लोगों तक सीधे पहुंच बनाने पर पूरा ध्यान है।

हर समीकरण को साधने की कोशिश
केरल के पूर्व आईएएस अल्फोंस का चयन बेहद अहम माना जा रहा है। बीजेपी केरल में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले फायरब्रांड नेता अनंत कुमार हेगड़े को जगह मिली है। वह उन नेता में शामिल थे, जिन्होंने कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था।

ईस्ट यूपी से कलराज की जगह गोरखपुर से राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल को शामिल किया गया है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवप्रताप योगी के विरोध के चलते हाशिए पर थे। योगी ने उनके खिलाफ 2002 में आधिकारिक तौर पर राधामोहन अग्रवाल को हिंदू महासभा का उम्मीदवार बनाया था और शिवप्रताप हार गए थे। 2016 में उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया गोरखपुर से शिवप्रताप को मंत्री बनाना पॉवर बैलेंस की कवायद मानी जा रही है। खासकर पूर्वांचल में ठाकुर, ब्राह्मण के परंपरागत संघर्ष में दोनों को संतुष्ट किया जाना सियासी तौर पर जरूरी था।

जेडीयू, शिवसेना से किसी का नाम नहीं
मंत्रिमंडल फेरबदल में बीजेपी के सहयोगी दलों जेडीयू और शिवसेना से किसी को शामिल नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार जेडीयू और शिवसेना का नाम सूची में शामिल नहीं होने का कारण प्रतिनिधित्व का फॉर्म्युला तय नहीं किया जाना है, जिससे सभी सहयोगी दल संतुष्ट हो सकें। हालांकि शिवसेना की नाराजगी की खबर भी आ रही है। शिवसेना ने मंत्रिमंडल समारोह का बहिष्कार भी किया।

कैबिनेट मंत्री

धर्मेंद्र प्रधान
पीयूष गोयल
निर्मला सीतारमण
मुख्तार अब्बास नकवी

राज्य मंत्री

शिव प्रताप शुक्ल
अश्विनी कुमार चौबे
डॉ वीरेंद्र कुमार
अनंत कुमार हेगड़े
राजकुमार सिंह
हरदीप सिंह पुरी
गजेंद्र सिंह शेखावत
डॉ सत्यपाल सिंह
अल्फोंज कन्नाथनम

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