Published On : Mon, Jan 21st, 2019

छुट्टियों के फेर में अटका मनपा का सीएनजी पंप प्रोजेक्ट का सपना

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बढ़ते ख़र्च से बचने के लिए साएनजी में बदलना चाहते हैं सिटी बसों को

नागपुर: मनपा की आपली बस सेवा इन दिनों महंगे ईंधन के ख़र्च से दिक्कतों का सामना कर रही है. कुल ४ में से एक बस ऑपरेटर ने महीनों पहले ही हाथ खड़ा कर दिया था तो वहीं शेष तीन ऑपरेटरों को नियमित मासिक भुगतान करने में प्रशासन की कमर टूट रही है. इससे छुटकारा पाने के लिए प्रायोगिक तौर पर ढाई दर्जन बसों को सीएनजी में तब्दील कर चलाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए मनपा प्रशासन खापरी नाका, वाड़ी नाका, हरिहर मंदिर पुराना भंडारा रोड, पुराना हिंगणा नाका, पारडी नाके पर सीएनजी पंप लगाने के लिए कागजी कार्रवाई कर रही है. इसके लिए मनपा को इन प्रस्तावित जगहों की २००० वर्ग फुट जगह को समतल बनाने के लिए फ्लोरिंग,कम्पाउंडिंग आदि करना था. लेकिन इस काम के लिए जेई अर्थात जूनियर इंजीनियर नहीं मिलने से काम अटका हुआ है.

वहीं इन पंपों के उद्घाटन के लिए तिथि की घोषणा २६ जनवरी को करने का निर्णय लिया गया, लेकिन परिवहन विभाग कागजों से ऊपर उठ नहीं पाया. इसलिए २६ जनवरी से शहर में सीएनजी पंप की शुरुआत अधर में लटकती नज़र आ रही है.

कोरम के आभाव में रद्द हुई बैठक
विगत सप्ताह मनपा परिवहन समिति की बैठक थी. इस समिति में कुल १३ सदस्य हैं. जिसमें से सभापति बंटी कुकड़े,उपसभापति प्रवीण भिसिकर के अलावा समिति सदस्य नितिन साठवणे ही उपस्थित थे. इसके अलावा परिवहन विभाग प्रमुख शिवाजी जगताप और प्रशासकीय अधिकारी पागे छुट्टी पर थे. इसलिए कोरम के आभाव में समिति की बैठक रद्द कर दी गई.

मनपा ने परिवहन सेवा शुरू करने के पहले सालाना नुकसान भरपाई की व्यवस्था करने के पूर्व ही आनन-फानन में सेवा शुरू कर दी थी. आज की सूरत में मनपा को खर्च का आधा ही टिकट कलेक्शन से मिल रहा है. जबकि प्रकल्प अधूरा है, जिसे पूरा करने में मासिक घाटे का प्रमाण खर्च के मुकाबले ६० से ७०% तक जाने की संभावना जताई जा रही है.

बस पोर्ट भी कागजों तक सिमित
शहर के मुख्य मार्गों पर बस पोर्ट तैयार करने की योजना है. मनपा चुंगी नाके की खाली पड़ी जगह के साथ मोरभवन पर बस पोर्ट बनाने की योजना थी. भंडारा रोड स्थित नाके की जगह पर जब बस पोर्ट के निर्माण की चर्चा शुरू हुई लेकिन दो पार्टियों के मध्य न्यायालयीन विवाद चलने से यह मामला भी लटका हुई है.

कैसे कम होगा घाटा
जानकारों के मुताबिक मनपा परिवहन विभाग को मुनाफे में लाने के लिए मनपा अंतर्गत साइकिल/कार स्टैंड का संचालन करने के लिए आगे आना चाहिए. मनपा खुद अपने ईंधन रिफिलिंग स्टेशन तैयार करे ताकि निजी पंपों के ख़र्च से बचा जा सके.