Published On : Wed, Aug 29th, 2018

खदानों की नीलामी से राज्य सरकार मालामाल

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नागपुर: राज्य सरकार को खदानों की नीमाली में अकूत धन मिलने लगा है. हाल ही में भूतत्व एवं खनन निदेशालय ने 3 खदानों की नीमाली की थी, जिसमें राज्य सरकार के खाते में 2600 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिले हैं.

विभाग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जो 13 अन्य खदानों की नीमाली होनी है, उससे राज्य की तिजोरी में हजारों करोड़ रुपये का राजस्व आएगा. ई-आक्शन प्रणाली होने से राज्य में काफी तेज वृद्धि देखने को मिल रहा है. पूर्व में आय इतनी नहीं हो पाती थी.

इसे एक अच्छा संकेत माना जा रहा है. उक्त आय राल्टी के अतिरिक्त है.

सूत्रों ने बताया कि अप्रैल माह के दौरान विभाग की ओर चंद्रपुर स्थित सेनांदगांव ईकोडी की नीमाली की गई, जिसमें लक्ष्य से 125 फीसदी ज्यादा आय प्राप्त हुई है. यह खदान लाइमस्टोन के लिए है. इसी प्रकार नागपुर के गुगुलडोह खदान की नीमाली में लक्ष्य राशि से 55 फीसदी ज्यादा आमदनी हुई है.

यह खदान मैंगनीज ओर की है. तीसरा खदान है चिताले वाटंगी है. विभाग को मिले रिस्पांसे ने सरकार का उत्साह बढ़ाया है. विभाग को लग रहा है कि इसी क्षमता के अन्य खदानों की भी नीमाली अगले माह होने जा रही है, जिसमें अच्छी खासी आय हो सकेगी.

हजारों करोड़ मिलेंगे
2600 करोड़ मिलने के बाद अन्य 13 खदानों की नीलामी से अपेक्षा काफी बढ़ गई है. विभाग को उ‌म्मीद है कि 13 खदान हजारों करोड़ रुपये में जाएगा, जिससे राज्य सरकार की तिजोरी मजबूत होगी.
विभाग ने पूर्व में जो अनुमान रखा था, उसे पुन: बदला गया है. यह राशि बहुत बड़ी बताई जा रही है, क्योंकि कुछ खदानें आकार और स्टाक के मामले में काफी बड़ी हैं. इन खदानों में ही लोग हजारों करोड़ की बोली लगाएंगे.

50 वर्षों तक मिलते रहेगी राशि
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार को लीज देती है, वह 50 वर्षों के लिए देती है. इसलिए खदान आक्शन करने के पूर्व काफी सोच विचार किया जाता है. एक बार लीज देने के बाद राज्य सरकार की तिजोरी में 50 वर्षों तक आय होती रहती है.

राज्य में उत्पादन
1960 में महाराष्ट्र में 14.70 लाख टन खनिज का उत्पादन होता था, जिससे राज्य को 515 लाख रुपये की आय होती थी, परंतु आज उत्पादन 540 लाख टन के पार पहुंच गया है और इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष लगभग 8000 करोड़ रुपये से अधिक की आय हो रही है.
मैंगनीज ओर, आयरन ओर, कोयला, लाइमस्टोन, बाक्साइट आदि मुख्य खनिजें हैं, जिससे राज्य सरकार को मुख्य रूप से आय होती है.