नागपुर : आरटीई के तहत नागपुर जिले की स्कूलों को 11 करोड़ 92 लाख रुपए राज्य सरकार ने दिए हैं. आरटीई की निधि नहीं मिलने की वजह से आरटीई के तहत रजिस्ट्रेशन भी स्कूलों ने विरोध स्वरुप बंद कर दिया था. इंग्लिश मीडियम स्कूलों के इस तरह से विरोध किए जाने के कारण ही सरकार ने इतनी निधि नागपुर को दिया है. यह कहना है मिस्टा ( महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टीज एसोसिएशन ) के सचिव कपिल उमाले का. उमाले ने जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षणाधिकारी के कुछ दिन दिए गए वक्तव्य का भी विरोध किया है.
उमाले ने बताया कि शिक्षणाधिकारी ने कहा था कि इंग्लिश मीडियम स्कूल केवल चिल्लाते रहते हैं. यह गलत बयान था. जबकि मिस्टा ने शिक्षणाधिकारी का आरटीई के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन में काफी सहयोग किया था. उमाले ने बताया कि निधि मिलने
के लिए मिस्टा ने विरोध प्रदर्शन, मोर्चा, ब्लैक डे, विधानभवन पर मोर्चा, कलेक्टर, पालकमंत्री, शिक्षामंत्री, मुख्यमंत्री को निवेदन दिया था. आरटीई के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करने पर शिक्षणाधिकारी ने मिस्टा से सहयोग करने के लिए कहा था और स्कूलों को रजिस्ट्रेशन करने का आवाहन किया था. उमाले ने बताया कि कई स्कूलों के रजिस्ट्रेशन पिछले वर्ष के रजिस्ट्रेशन के आधार पर किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोर्ट में भी निधि के लिए केस चल रही है.