नागपुर : मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के भारी हंगामे की वजह से बुधवार को विधानपरिषद की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। विपक्ष ने मराठा आरक्षण चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव सदन में लाया जिसे ख़ारिज कर दिया गया। विपक्ष के हंगामे के बीच कार्यवाही को चार बार स्थगित किया गया जिसके बाद सभापति ने कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित करने का फैसला लिया।
स्थगन प्रस्ताव नकारे जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा नहीं फैसला देने की माँग की। जबकि काँग्रेस के सदस्य शरद रणपिसे ने सरकार पर विश्वासघात किये जाने का आरोप लगाया। जनार्दन चांदुरकर ने बोलते हुए कहाँ की तमिलनाडू में 69 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है एक राज्य में यह व्यवस्था है तो महाराष्ट्र में ऐसा कु नहीं हो सकता। सरकार ने मराठा, मुस्लिम सुर धनगर समाज को धोखा दिया है। विधानभवन सर्वोच्च है यही से कानून बनते है कोर्ट के आदेश पर ही चला जाये यह सही नहीं सरकार अपने स्तर पर भी प्रयास कर सकती है।
विपक्ष के आरोपो का जवाब देते हुए सदन के नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहाँ की मोर्चे के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को अपना निवेदन सौपा है उन्होंने खुद भी आंदोलनकारियों से चर्चा की है सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख रखती है और मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। आज विधानभवन में जो मोर्चा निकाला गया है इस वजह से सरकार और मराठा समाज के बीच टकराव ख़त्म हुआ है। विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।